ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली।बीएड की डिग्री के आधार पर सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 11 अगस्त, 2023 से पहले नियुक्त शिक्षकों को अनिवार्य प्रशिक्षण के रूप में छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने छह महीने का ब्रिज कोर्स तैयार किया है। यह कोर्स राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनसीटीई) करवाएगा।
एनसीटीई की सदस्य सचिव अभिलाषा झा मिश्रा ने इसकी अधिसूचना जारी की। इसके मुताबिक, उन शिक्षकों को यह लाभ नहीं मिलेगा, जिन्होंने सिर्फ आवेदन किया था या चयन हुआ था, पर नौकरी नहीं कर रहे थे। इस दायरे में जो भी केस किसी राज्य के कोर्ट में लंबित होंगे, वे निरस्त हो जाएंगे। ऐसे मामलों के शिक्षकों को ब्रिज कोर्स करना जरूरी होगा। यह कोर्स उन शिक्षकों को करना जरूरी होगा, जिन्होंने बीएड किया है व उनकी नौकरी कोर्ट के 11 अगस्त, 2023 के आदेश से प्रभावित थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 7 अगस्त, 2024 को अन्य आदेश जारी किया था। फैसले का असर यूपी में 35 हजार उन शिक्षकों पर भी होगा, जिनकी नियुक्ति को चुनौती दी गई थी।
5वीं व 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए होगा ब्रिज कोर्स
एनसीईआरटी ने पुराने और नए पाठ्यक्रम को पाटने के लिए एक ब्रिज कोर्स भी तैयार किया है। इस बारे में सीबीएसई की ओर से भी स्कूलों को जानकारी भेजी गई है। पांचवीं व आठवीं के लिए यह ब्रिज कोर्स बनाया गया है। पांचवीं के लिए ब्रिज कोर्स 30 दिनों और आठवीं के लिए 45 दिनों का होगा।
यह कोर्स नए सत्र से छात्रों को इसलिए करवाया जाएगा जिससे पुराने करिकुलम के बाद नए की पढ़ाई करने में छात्रों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। एनसीईआरटी ने स्कूलों को सलाह दी है कि वे पांचवीं और आठवीं कक्षा में दाखिला लेने वाले छात्रों को खेल-कूद और गतिविधि आधारित शिक्षा में शामिल करने के लिए एक रणनीति तैयार करें।