ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली।सीमावर्ती गांवों में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार के साथ पलायन रोकने और सीमा की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू किए गए ‘बाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम के दूसरे चरण को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। इसके तहत बिहार, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड, उप्र व बंगाल समेत 15 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों के चुनिंदा रणनीतिक गांवों में बारहमासी सड़क संपर्क दूरसंचार संपर्क, टेलीविजन संपर्क और विद्युतीकरण पर काम किया जाएगा। 2024-25 से 2028-29 के बीच इस योजना पर 6839 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत चीन, पाकिस्तान बांग्लादेश व म्यांमार से सटे सभी गांव कवर करने की योजना है।
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, दूसरे चरण के लिए रणनीतिक रूप से अहम गांवों की पहचान की जाएगी। उसके बाद 100 प्रतिशत केंद्रीय मदद से योजनाओं को लागू किया जाएगा। इसके तहत गांव या गांवों के समूह में बुनियादी ढांचे के विकास, सहकारी समितियों व स्वयं सहायता समूहों के जरिये आजीविका के अवसर सृजित करने, सीमा के अनुरूप विशिष्ट गतिविधियां शुरू करने, स्मार्ट कक्षाओं से लैस स्कूलों के निर्माण, पर्यटन सुविधाओं के विकास के काम किए जाएंगे।
‘बाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम का
उद्देश्य बेहतर जीवन
कार्यक्रम का उद्देश्य बेहतर जीवन स्थितियां और पर्याप्त आजीविका के अवसर पैदा कर सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना, सीमा पार अपराध को नियंत्रित करना व सीमांत आबादी ‘सीमा सुरक्षा बलों की आंख और कान’ के रूप में विकसित करना है। सरकार ने 2023 में ‘बाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम शुरू किया था, जिसमें चीन की सीमा से सटे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व अरुणाचल प्रदेश के 663 गांवों में पलायन रोकने के लिए विकास योजनाएं शुरू की गई थीं। सरकार ने अब इसके दूसरे चरण को हरी झंडी दे है।