ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। ‘ब्लिट्ज इंडिया बिजनेस’ के लोकार्पण समारोह एवं विकसित भारत @ 2047 कॉन्क्लेव में मुख्य अतिथि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एमडी एवं सीईओ आशीषकुमार चौहान ने कहा कि देश को ‘2047 तक विकसित भारत’ बनाने की दिशा में मीडिया अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मीडिया को चाहिए कि वह सरकार की उन सारी योजनाओं को सरल और सहज तरीके से देश और दुनिया तक पहुंचाए जो भारत को एक विकसित देश के रूप में स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा बनाई गई हैं।
इसी संदर्भ में उन्होंने ‘ब्लिट्ज इंडिया बिजनेस’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह समाचार पत्र इस कार्य को बखूबी पूरा कर सकता है क्योंकि इसका शुभारंभ ही ‘विकसित भारत 2047’ की भारत की यात्रा को एक सशक्त मंच प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है। ‘ब्लिट्ज इंडिया बिजनेस’ के शुभारंभ के अवसर पर उन्होंने ब्लिट्ज इंडिया मीडिया के चेयरमैन एवं प्रधान संपादक दीपक द्विवेदी काे उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों के लिए बधाई दी अौर कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह पहल वर्ष 2047 तक विकसित भारत के प्रगति मानचित्र के बारे में और जागरूकता बढ़ाएगी तथा विकसित भारत की ओर इस महत्वपूर्ण छलांग में सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी।
विकसित भारत के लिए महत्वपूर्ण मोड़
आशीष चौहान ने कहा कि भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हम एक ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं, जहां आज हमारे कार्य ‘कल के भारत’ को परिभाषित करेंगे; एक ऐसा भारत जो समृद्ध, समावेशी और टिकाऊ है। पिछले 10 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विकास गति का रुख एकदम बदल गया है। यह इस अवधि में निफ्टी-50 के साथ लगभग 250 प्रतिशत और निफ्टी-500, 300 प्रतिशत से अधिक बढ़ने के साथ ही भारत के प्रमुख सूचकांकों की वृद्धि में परिलक्षित होता है।
आर्थिक विकास को मिला पूंजी बाजार का समर्थन
भारत की उल्लेखनीय प्रगति को देश के पूंजी बाजारों द्वारा समर्थन और प्रतिबिंबित किया गया है, जो अब संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और जापान के बाद दुनिया में चौथा सबसे बड़ा देश है। सेबी के मार्गदर्शन में, भारत के बाजारों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है और आज यह दुनिया के सबसे मजबूत बाजारों में से एक है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने 30 वर्षों में लगभग 32 गुना विस्तार किया है, जो वित्तीय वर्ष 95 में 103 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्तीय वर्ष 25 में 324 लाख करोड़ रुपये हो गई है। यह देश की आर्थिक प्रगति को समर्थन देने और बढ़ाने में पूंजी बाजारों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। विशेष रूप से, भारत के इक्विटी बाजार अब अपनी बैंकिंग प्रणाली के आकार का 1.8 गुना बढ़े हैं। तुलनात्मक प्रति व्यक्ति आय वाले देश के लिए भारत का बाजार आकार अद्वितीय है।
जन भागीदारी
उन्होंने बताया कि यह कॉन्क्लेव ऐसे समय में हो रहा है जब एनएसई 30 साल के संचालन का जश्न मना रहा है। एनएसई भारत का पहला डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर था तथा पहला और अब तक का सबसे बड़ा, फिनटेक था। एनएसई वह जगह थी जहां भारत की आईटी क्रांति शुरू हुई थी। 30 वर्षों में एनएसई ने एक निष्पक्ष, कुशल और पारदर्शी पूंजी बाजार पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम करने की उल्लेखनीय यात्रा की है। एनएसई बाजार गतिविधि के मामले में दुनिया में सबसे बड़ा एक्सचेंज बन गया है – कुछ दिनों में लगभग 2,000 करोड़ (20 बिलियन) ऑर्डर और लगभग 30 करोड़ (300 मिलियन) ट्रेडों को संसाधित करता है। एनएसई गर्व से भारत की विकास गाथा में जनता की भागीदारी को सुविधाजनक बनाकर जन भागीदारी का प्रवर्तक रहा है। एक्सचेंज में 21 करोड़ से अधिक खातों के साथ लगभग 11 करोड़ अद्वितीय पंजीकृत निवेशक हैं। पूंजी बाजार को ट्रस्ट बाजार भी कहा जाता है। दूरदराज के कोनों के छोटे निवेशक चाहे वह जम्मू हो या जोरहाट, बाजारों में विश्वास के कारण देश के अन्य हिस्सों की कंपनियों में अपनी मेहनत की कमाई का निवेश करते हैं। वे सचमुच एक भागीदार यानी एक शेयरधारक बन जाते हैं – न केवल धन के शेयरधारक बल्कि देश की आर्थिक प्रगति में योगदान कर्ता भी।
विकसित भारत को पूंजी की जरूरत
भारत के विकास के लिए, राष्ट्र को पूंजी की आवश्यकता है। जैसा कि महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने ठीक ही कहा है, पूंजी के बिना, कोई विकसित भारत नहीं है। एनएसई पूंजी जुटाने में वैश्विक नेता बन गया है। स्टॉक एक्सचेंज में करीब 2,700 कंपनियां लिस्टेड हैं। एक्सचेंज के माध्यम से इन कंपनियों द्वारा जुटाई गई पूंजी आर्थिक विकास, पूंजी निर्माण, धन सृजन और रोजगार सृजन का एक अच्छा चक्र बनाने वाली प्रगति का एक मजबूत प्रवर्तक बन जाती हैं।
सतत विकास में सहायक
उन्होंने विकसित भारत के दृष्टिकोण काे संरेखित करते हुए कहा कि एनएसई भारत में धन सृजन के माध्यम से सतत विकास को भी बढ़ावा देता है जो जन प्रगति की ओर ले जाता है। घर पर बचत करने से लेकर सबसे बड़े और सबसे गतिशील पूंजी बाजारों में से एक में शामिल होने तक, भारत का वित्तीय विकास किसी प्रेरणा से कम नहीं है। अकेले 2024 में, घरेलू निवेशकों ने संपत्ति में लगभग 13.2 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि देखी। पिछले पांच वर्षों (2020-2024) में, खुदरा निवेशकों ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष निवेश (म्यूचुअल फंड के माध्यम से) दोनों के माध्यम से अपनी संपत्ति में 40 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि देखी।
मीडिया की अहम भूमिका
मीडिया ने प्रगति को बढ़ावा देने के लिए सूचना और रचनात्मक बहस को सुविधाजनक बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपनी अपार पहुंच और प्रभाव का लाभ उठाकर, मीडिया विकसित भारत के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकता है। मैं इस अवसर पर वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने तथा निवेशक संरक्षण और बाजार विकास के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए ‘ब्लिट्ज इंडिया बिजनेस’ को आमंत्रित करता हूं। चूंकि भारत अगले दशक में सार्वजनिक पूंजीगत व्यय और निजी निवेश द्वारा संचालित अपने उच्च और निरंतर आर्थिक विकास पथ की ओर अग्रसर है, इसलिए इसके पूंजी बाजारों को विकास और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। एनएसई वैश्विक और भारतीय पूंजी, दोनों की वृद्धि के लिए अपना सतत सहयोग जारी रखेगा ताकि समृद्ध होने के लिए भारत में पूंजी का प्रवाह जारी रहे। अंत में उन्होंने कहा कि भारत के पूंजी बाजार देश की मजबूत आर्थिक वृद्धि के साथ मजबूती से जुड़े हुए हैं और बाजार देश के विकास में और भी बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं, जो 2047 तक विकसित भारत के सपने का हासिल करने के लिए मजबूत आधार प्रदान करेंगे। उन्होंने जय हिंद के नारे के साथ अपने संबोधन को समाप्त किया।