ब्लिट्ज ब्यूरो
पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ जनपद से लगे हिमालय की पंचाचूली के साथ ही कई चोटियों में इस बार फरवरी माह में ही बर्फ नदारद हो गई है। बर्फ की सफेद चादर से साल भर ढकी रहने वाली चोटियां वहां बर्फ नहीं होने से काली नजर आ रही हैं। वैज्ञानिकों ने इसके पीछे ग्लोबल वार्मिंग और पश्चिमी विक्षोभ की कम सक्रियता को कारण माना है।
महज दो बार बर्फबारी
सीमांत जनपद में दारमा, व्यास के साथ मुनस्यारी तक के हिमालयी रेंज में इस बार न के बराबर महज दो बार बर्फबारी हुई है। वर्ष 2021-2022 में दिसंबर और जनवरी में सीमांत जनपद के हिमालयी क्षेत्र में 14 से अधिक बार हिमपात हुआ था। इसके बाद 2022-2023 के दिसंबर से जनवरी के बीच करीब 9 बार बर्फबारी हुई। 2023-2024 में दिसंबर-जनवरी में बर्फबारी महज 4 बार हुई। इस बार इसमें और कमी आई है। मुनस्यारी की तरफ कई चोटियों में जनवरी में महज दो, दारमा व व्यास में 3 बार बर्फबारी हुई है। फरवरी में अब तक एक बार हल्की बर्फबारी हुई है। साल दर साल हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी कम हो रही है।
– फरवरी में कई चोटियां नजर आ रहीं काली
– पश्चिमी विक्षोभ की कम सक्रियता वजह
ग्लोबल वार्मिंग बड़ी वजह
डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक हिमालयी मौसम के जानकार डॉ. हेमंत पाण्डे हिमालयी क्षेत्र में ग्लोबल वार्मिंग के असर को भी इसकी बड़ी वजह मानते हैं। इस बार मुनस्यारी का तापमान जनवरी माह में अधिकतम 18 डिग्री तक दर्ज किया गया। व्यास व दारमा में भी तापमान में वृद्धि देखी गई है। पहले से ही हिमालयी क्षेत्र में कम बर्फबारी हो रही है। अब शीतकाल में तापमान में हो रही वृद्धि से बर्फ तेजी से पिघल रही है।
सिनियाखोला और कोटेरा के जंगल आग से तप रहे
धारचूला। सिनियाखोला और कोटेरा क्षेत्र के जंगल कई घंटे तक सुलगते रहे। विगत दिवस रात यहां के जंगलों से आग की लपटें उठती रहीं। इससे वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचा है। वन विभाग टीम ने अब आग बुझा दी है जिससे ग्रामीणों ने भी राहत महसूस की है। तहसील मुख्यालय के सिनियाखोला और कोटेस क्षेत्र के जंगलों में आग लग गई थी।
राजस्थान में तापमान में वृद्धि
जयपुर। राजस्थान के अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम और अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि दर्ज की गई। मौसम विभाग ने राज्य में आगामी दिनों में मौसम शुष्क रहने और तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना जताई है।