ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। जैसे-जैसे ऑनलाइन खाना मंगवाने का चलन बढ़ रहा है, प्लास्टिक के कंटेनर की मांग भी बढ़ रही है। इससे प्लास्टिक का कचरा भी बहुत बढ़ गया है। चूंकि प्लास्टिक सस्ता होता है और इससे चीजें गिरती भी नहीं, इसलिए यह कारोबारियों को पसंद आता है लेकिन क्या हो अगर कोई ऐसी चीज मिल जाए जो गरम रसम (दक्षिण भारत का एक सूप) को भी संभाल सके, गिरे भी नहीं और मिट्टी में भी मिल जाए? एक ऐसी कंपनी आजकल चर्चा और मुनाफे में है जो पर्यावरण और सेहत, दोनों का ख्याल रखती है।
इकोज नाम की यह कंपनी बेंगलुरु में है। यह कंपनी कागज से कप, कटोरे और डिब्बे बनाती है। ये चीजें पर्यावरण के अनुकूल हैं और मजबूत भी हैं। धनविता सत्यनंद, श्रीनिधि राजाराम और भरत सत्यनंद ने मिलकर इस कंपनी को शुरू किया है। उनका दावा है कि उन्होंने चार लाख किलोग्राम से ज्यादा प्लास्टिक का इस्तेमाल होने से बचाया है। इन तीनों ने पहले बड़ी कंपनियों में काम किया। धनविता के भाई भरत बताते हैं कि होटल चलाते समय उन्हें पता चला कि खाने और होटल के कारोबार में बहुत सारी चीजें खरीदने में दिक्क त होती है। उन्होंने सोचा कि क्यों न तकनीक का इस्तेमाल करके इस समस्या को हल किया जाए।
कैसे हुई शुरुआत?
श्रीनिधि कहते हैं कि वे कुछ ऐसा बनाना चाहते थे जो सच में बदलाव लाए। इसी सोच से 2020 में इकोज की शुरुआत हुई। यह कंपनी पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग बनाती है।
धनविता बताती हैं कि ईटफिट नाम के एक रेस्टोरेंट ने उनसे पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग बनाने के लिए कहा था। उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया और कोशिश करके एक मजबूत और पर्यावरण के अनुकूल प्रोडक्ट बना लिया।
इकोज कंपनी कागज से पैकेजिंग बनाती है। भरत बताते हैं कि वे आईटीसी से कागज खरीदते हैं। आईटीसी लगभग 85-90% कागज सप्लाई करती है।
वे बताते हैं कि कागज पर पानी से बचाने वाली एक कोटिंग की जाती है। इससे कागज खाने की चीजों को पैक करने के लिए ठीक हो जाता है।
मिट्टी में मिल जाती है पैकेजिंग
धनविता बताती हैं कि उनके प्रोडक्ट पर जो कोटिंग होती है, उससे पैकेजिंग 180 दिनों में 98% तक मिट्टी में मिल जाती है। यह बात सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी(सिपेट) ने प्रमाणित की है। 180 दिनों के बाद प्रोडक्ट पूरी तरह से मिट्टी में मिल जाता है। सिपेट ने यह भी प्रमाणित किया है कि प्रोडक्ट खाने के लिए सुरक्षित है, इससे प्रदूषण नहीं होता और इसमें प्लास्टिक नहीं है।
सालाना कितना कारोबार?
इकोज ज्यादातर बीटूबी कारोबार करती है। उन्होंने अब तक 4.5 करोड़ से ज्यादा प्रोडक्ट बनाए और बेचे हैं। इनमें कप, कटोरे, डिब्बे, ढक्कन और बॉक्स शामिल हैं।
धनविता बताती हैं कि उन्होंने ग्राहकों को लाने के लिए नए-नए तरीके खोजे। उन्होंने ग्राहकों के ब्रांड के रंग के हिसाब से प्रोडक्ट को डिजाइन करना शुरू कर दिया।
इकोज के ग्राहकों में लुलु हाइपरमार्केट्स, एमटीआर, मिलानो आइसक्रीम्स, मैगनोलिया बेकरी और रिट्ज-कार्लटन जैसे बड़े नाम शामिल हैं। साल 2024 में इकोज ने 5.2 करोड़ रुपये की कमाई की है। वे कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में अपने प्रोडक्ट बेचते हैं। उन्होंने यूके के बाजार में भी कदम रखा है। वहां लोग पर्यावरण को लेकर ज्यादा जागरूक हैं।