ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। पाकिस्तान की धरती से दहशतगर्द घने जंगल और पहाड़ के दुर्गम रास्तों के जरिए भारत में दाखिल हो रहे हैं। इसमें उसकी सेना और खुफिया एजेंसियों की भूमिका अहम होती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया है।
मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान लोलाब में नियंत्रण रेखा और बांदीपोरा सेक्टर के जरिए उत्तरी कश्मीर में आतंकियों की सबसे ज्यादा घुसपैठ कराता है। अक्तूबर और नवंबर के महीने में सबसे ज्यादा ज्यादा घुसपैठ होती है।
हमलावरों ने चुना पीर पंजाल का रास्ता
पहलगाम हमले में खुफिया एजेंसियों की शुरुआती जांच में सामने आया है कि आतंकियों ने पीर पंजाल की पहाड़ियों से भारत में दाखिल होने के बाद राजौरी से चत्रु, फिर वधावन होते हुए पहलगाम तक का सफर तय किया।
यह इलाका रियासी और उधमपुर जिले के पास आता है, जहां गुज्जर और बकरवाल समुदाय की बड़ी आबादी है। इस रास्ते का चुनाव आतंकियों ने शायद इसलिए किया ताकि वे आम लोगों की आड़ में छिपकर सफर कर सकें।
खुफिया एजेंसी आईएसआई ने जम्मू सेक्टर में सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए जम्मू के अंतरराष्ट्रीय सीमा के उस पार कई लांच पैड को री-एक्टिवेट कर दिया है। ये लांच पैड हैं मसरूर, बड़ा भाई, चपराल लूनी और शकरगढ़। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, केरन सेक्टर संवेदनशील है। इसके अलावा नौगाम भी रास्ता बना है। आतंकी काइयान जंगल, टुटकार जंगल और आटमा कॉम्प्लेक्स जैसे जंगली रास्तों से भी घुसपैठ कर सकते हैं।