ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से चार साल के बीए बीएड और बीएससी बीएड (एकीकृत) कोर्स को बंद करने की घोषणा की है।
महाराष्ट्र में शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से इसकी जगह इंटीग्रेटेड शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) लागू किया जाएगा। अधिकारियों ने यहां बताया कि चार साल के बीएड की जगह आईटीईपी शुरू किया जाएगा, जो एक नया चार वर्षीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम है और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है। महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) सेल के अनुसार आईटीईपी में प्रवेश के इच्छुक उम्मीदवारों को अब एनटीए द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा देनी होगी। चार वर्षीय एकीकृत बीए/बीएससी-बीएड पाठ्यक्रम के लिए राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा रद कर दी गई है। आपको बता दें कि एनसीटीई 2025-26 सत्र से इस कोर्स को चलाने पर रोक लगा चुकी है। पिछले साल फरवरी माह में एनसीटीई ने इस बाबत नोटिस जारी किया था।
राजस्थान में भी कोर्स बंद
राजस्थान में भी चार वर्षीय बीएड एकीकृत कोर्स में दाखिले के लिए होने वाली राजस्थान प्री टीचर एजुकेशन टेस्ट (पीटीईटी) 2025 के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड बीए बीएड/बीएससी बीएड कोर्स के लिए 12वीं पास से आवेदन लिए जाते हैं।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एनसीईटी 2025) के लिए ऑनलाइन आवदेन की प्रक्रिया 20 फरवरी 2025 से शुरू कर दी थी। इसी प्रवेश परीक्षा के जरिए देश के विभिन्न संस्थानों में नए चार वर्षीय आईटीईपी (इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम) में दाखिला होगा। आईटीईपी कोर्स के तहत 12वीं पास छात्र चार वर्षीय बीए बीएड, बीएससी बीएड और बीकॉम बीएड कोर्स करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के तहत वर्ष 2030 से चार वर्षीय बीएड या चार-वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) डिग्री धारक ही शिक्षक बन पाएंगे, ऐसे में टीचर बनने के लिए इस कोर्स की बहुत ज्यादा अहमियत हो गई है। यह कोर्स एनईपी के तहत बनी नई स्कूल संरचना के चार चरणों यानि फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी (5+3+3+4) के लिए शिक्षकों को तैयार करेगा। प्रवेश परीक्षा 29 अप्रैल 2025 को होगी। आईआईटी, एनआईटी, आरआईई समेत चुनिंदा केंद्रीय / राज्य विश्वविद्यालयों / संस्थानों और सरकारी कॉलेज में 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) में एडमिशन के लिए एनसीईटी प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही है।
आईटीईपी बचाता है एक साल
आईटीईपी इंटीग्रेटेड कोर्स से छात्रों को एक वर्ष की बचत होती है। वे वर्तमान बीएड योजना के लिए आवश्यक 5 वर्षों (तीन साल की ग्रेजुएशन व दो साल का बीएड) के बजाय इस पाठ्यक्रम को 4 वर्षों में पूरा करेंगे। आईटीईपी 4 साल की ड्यूल डिग्री है जो बीए बीएड / बीएससी बीएड और बीकॉम बीएड कोर्स ऑफर करती है।
2030 से आईटीईपी का होगा बोलबाला
एनईपी 2020 की सिफारिशों के तहत ही 2030 से स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता तय की गई है। नई शिक्षा नीति के प्रावधानों की मानें तो 2030 के बाद स्कूलों में वही शिक्षक भर्ती होंगे जिन्होंने नया वाला आईटीईपी चार वर्षीय बीएड कोर्स किया होगा। तीन साल पहले 2021 में शिक्षा मंत्रालय ने आईटीईपी को अधिसूचित करते समय कहा था कि 2030 से शिक्षकों की भर्ती केवल आईटीईपी के माध्यम से होगी।