ब्लिट्ज ब्यूरो
ढाका। नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की। इस मुलाकात को बांग्लादेश के लिए काफी अहम माना जा रहा है। शेख हसीना के डेढ़ दशक लंबे कार्यकाल में बांग्लादेश और अमेरिका के संबंध कभी इतने प्रगाढ़ नहीं रहे हैं। बाइडन और मोहम्मद यूनुस के मुलाकात की जो तस्वीरें सामने आईं, उनसे कई सवाल भी उठ रहे हैं। अमेरिका खुद को लोकतंत्र का चैंपियन मानता है, जबकि बाइडन गैर लोकतांत्रिक तरीके से बांग्लादेशी सेना द्वारा नियुक्त मोहम्मद यूनुस से काफी आत्मीयता से मिले। ऐसा कहा जाता है कि मोहम्मद यूनुस को बराक ओबामा ने राष्ट्रपति रहते खूब बढ़ावा दिया। उस वक्त जो बाइडन उपराष्ट्रपति थे। मुलाकात के दौरान बाइडन और मोहम्मद यूनुस की पुरानी केमेस्ट्री साफ तौर पर देखने को मिली। लेकिन, सवाल उठ रहे हैं कि क्या अमेरिका की मदद खस्ताहाल बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को उबार पाएगा।
लगातार खराब हो रहे बांग्लादेश के हालात
मोहम्मद यूनुस के कार्यकाल में बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बांग्लादेश के लिए अपने आर्थिक विकास पूर्वानुमान को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया है। यह पहले के 6.6 प्रतिशत की तुलना में काफी कम है। यह कमी मुख्य रूप से जुलाई और अगस्त 2024 के दौरान बांग्लादेश में हुई राजनीतिक अशांति के कारण हुई है। बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के नाम पर तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हिंसक आंदोलन चलाया गया। इस कारण हसीना को बांग्लादेश की सत्ता छोड़कर भागना पड़ा। उसके बाद से ही बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ रही है।
बांग्लादेश में आर्थिक अनिश्चितता का माहौल
एडीबी के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि राजनीतिक अस्थिरता, नाजुक कानून-व्यवस्था की स्थिति और वित्तीय क्षेत्र के भीतर कमजोरियां बांग्लादेश में एक अत्यधिक अनिश्चित व्यापक आर्थिक वातावरण बना रही हैं। बांग्लादेश को कर्ज देने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने वर्तमान हालात पर चिंता जताई है। विशेषज्ञों ने कहा है कि बांग्लादेश में सख्त राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों से स्थानीय उपभोग और निवेश की मांग और भी कम होने की संभावना है। आर्थिक ठहराव आने का जोखिम है। बांग्लादेश ने पिछले दो वित्तीय वर्षों में 6 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल करने के लिए संघर्ष किया है। वित्त वर्ष 2023 में बांग्लादेश का आर्थिक विकास दर 5.78 प्रतिशत और 2024 में 5.82 प्रतिशत दर्ज किया गया था।
मुद्रास्फीति और घटते राजस्व ने टेंशन बढ़ाई
बांग्लादेश के आर्थिक हालात लगातार उच्च मुद्रास्फीति से और जटिल हो गए हैं। एडीबी का अनुमान है कि बांग्लादेश में मुद्रास्फीति दोहरे अंकों तक बढ़ सकती है। मुद्रास्फीति को बढ़ाने में कमोडिटी और ऊर्जा की बढ़ी हुई कीमतें और डॉलर के मुकाबले बांग्लादेशी टका का मूल्यह्रास का सबसे ज्यादा योगदान है। एडीबी ने बताया कि बांग्लादेश के चालू खाता घाटा पहले के मुकाबले कम हुआ है, लेकिन निर्यात और आयात दोनों में गिरावट आई है। इससे बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है। पहले से ही बांग्लादेशी कंपनियां कच्चे माल की कमी से गुजर रही हैं। उनके पास न तो माल हैं और न ही उसे निर्यात करने के लिए सुविधाएं हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की तुलना
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बांग्लादेश के राजस्व संग्रह के बारे में चिंता जताई है। आईएमएफ ने कहा है कि बांग्लादेश का राजस्व से जीडीपी अनुपात दक्षिण सूडान के बराबर खतरनाक रूप से कम है। बांग्लादेश के वित्त मंत्रालय के साथ कई बैठकों के दौरान आईएमएफ ने राजस्व संग्रह को बढ़ावा देने के लिए व्यापक सुधारों की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया, जो देश के वित्त को स्थिर करने के लिए महत्वपूर्ण है।