ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। पाकिस्तान और भारत के बीच पहलगाम हमले के बाद तनाव बढ़ा हुआ है। भारत लगातार पाकिस्तान को सबक सिखा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बीकानेर में कहा है कि हर आतंकी हमले की कीमत पाकिस्तान को चुकानी पड़ेगी। इसी के चलते अब भारत ने पाकिस्तान की जेब भरने वाले वर्ल्ड बैंक को करारा जवाब दिया है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) में पाकिस्तान के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के मद्देनजर वित्तीय मदद बंद करने का मुद्दा अब भारत उठाएगा।
केंद्र सरकार के एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि भारत एफएटीएफ पर दबाव डालेगा कि वह कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्ट में डाले।
दरअसल, पाकिस्तान को 2022 में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से हटा दिया गया था। सरकारी सूत्र ने कहा कि भारत दो परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच नए सिरे से तनाव के बीच पाकिस्तान के लिए आगामी विश्व बैंक फंडिंग का भी पुरजोर विरोध करेगा। यह घटनाक्रम पाकिस्तान की ओर से आतंकी नेटवर्क को कथित समर्थन और अंतरराष्ट्रीय तंत्र के जरिए इस्लामाबाद को जवाबदेह ठहराने के भारत के प्रयासों पर है।
पाकिस्तान की तरफ से कराए जा रहे आतंकवाद को उजागर करते हुए संभावना है कि भारत डोजियर पेश करेगा, जिसमें हाल ही में मिली खुफिया सूचनाओं और एफएटीएफ के वैश्विक मानकों के उल्लंघन पर जोर दिया जाएगा।
वर्ल्ड बैंक को भी भारत ने दो टूक जवाब दिया है। भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है। इसी को लेकर भारत ने वर्ल्ड बैंक से कहा है कि जल संधि में आपकी कोई भूमिका या लेना-देना नहीं है, हम आतंक के खिलाफ मूक दर्शक बनकर नहीं रह सकते।
दरअसल, सिंधु, झेलम और चिनाब के जल बंटवारे के लिए साल 1960 में दोनों देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे। संधि वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में कराई गई थी और इसमें उसने भी हस्ताक्षर किए थे। सिंधु जल संधि के निलंबित होने के बाद मीडिया में ये खबरें चलने लगी की वर्ल्ड बैंक शायद इसमें हस्तक्षेप करेगा और उसमें इसका लेना-देना है, लेकिन भारत ने साफ कह दिया है कि इस में वर्ल्ड बैंक की कोई भूमिका नहीं है।
हालांकि, इससे पहले वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष अजय बांगा ने भी यह साफ कह दिया था वर्ल्ड बैंक की भूमिका सिर्फ एक फेसिलिटेटर की है, हस्तक्षेप की बात बेबुनियाद है। ये फैसला भारत का है कि वो क्या करता है।
आईएमएफ को भी भारत ने दिया करारा जवाब
इसी के साथ हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान को लोन दिया है। भारत ने उस को लेकर आईएमएफ से कहा आपकी फंडिंग से पाकिस्तान हथियार खरीद रहा है। साथ ही भारत ने कहा, आतंक का समर्थन देना गलत है, फंडिंग का समय अनुचित है। दरअसल, आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लोन को मंजूरी दे दी है। पहले ही गले तक कर्ज में डूबे पाकिस्तान को यह लोन मौजूदा एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी के तहत दिया गया। हालांकि, पाकिस्तान के आईएमएफ को लोन देने का भारत ने विरोध किया था, लेकिन भारत के विरोध के बाद भी आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी।