ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। भारतीय सिनेमा में कुंभ मेले का जिक्र होते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले वही क्लासिक कहानियां आती हैं जहां भाई-भाई, मां-बेटा या प्रेमी-प्रेमिका भीड़ में एक-दूसरे से बिछड़ जाते थे। यह बिछड़ने का दृश्य बॉलीवुड की कई पुरानी फिल्मों में बड़े भावनात्मक मोड़ के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। योगी सरकार इस बार ‘फिल्मी महाकुंभ’ में लोगों के खोने और फिर सालों बाद मिलने की इस धारणा को तोड़ने की तैयारी पूरी कर चुकी है। अब कुंभ मेले में हर व्यक्ति का ध्यान रखा जाएगा। कोई भी अब अपनों से नहीं बिछड़ेगा और ऐसा हुआ भी तो वह जल्द से जल्द अपने परिवार से मिल सकेगा।
प्रयागराज मेला प्राधिकरण और पुलिस विभाग मिलकर इस बार के महाकुंभ मेले में एक उच्च तकनीक से युक्त खोया-पाया पंजीकरण प्रणाली से तीर्थयात्रियों को सुरक्षित करेगा। यह नई पहल सुरक्षा, जिम्मेदारी और तकनीक का अद्भुत संगम है, जो महाकुंभ मेला को सुरक्षित और सुखद अनुभव बना देगी। योगी सरकार अब खोए हुए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और शीघ्र उनके परिजनों से मिलाने का भरोसा देगी।
तकनीक लिखेगी नई कहानी
महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सरकार ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना करेगी जो खोए हुए व्यक्तियों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए तकनीक का सहारा लेते हैं। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का पंजीकरण तुरंत किया जाएगा और उसकी जानकारी को अन्य केंद्रों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक और एक्स (पहले ट्वीटर) पर भी प्रसारित किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी। साथ ही सभी लापता व्यक्तियों के लिए केंद्रों पर उद्घोषणा भी की जाएगी।
– पहचान प्रमाणित करने पर परिवार को प्रशासन सौंपेगा खोया व्यक्ति
खासतौर पर बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणित है।