ब्लिट्ज ब्यूरो
नडियाद। लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की गुजरात के खेड़ा जिले गाडवा गांव में पुरखों की जमीन फर्जीवाड़ा कर हड़पने के मामले में 3 दोषियों को 2 साल कैद की सजा सुनाई गई है।
महेमदाबाद कोर्ट के जज विशाल त्रिवेद्री की अदालत ने भूपेन्द्रभाई देसाईभाई डाभी, देसाईभाई जेहाभाई डाभी और प्रतापभाई शकराभाई चौहान को 2 साल कैद की सजा दी है। हालांकि ट्रायल के दौरान हीराभाई डाभी की मौत हो चुकी है। केस दर्ज होने के करीब 13 साल बाद कोर्ट का फैसला आया।
आरोपियों ने 2008 में भी राजस्व रिकॉर्ड में धांधली के जरिए नाम बदलवाने का प्रयास किया था, जो असफल रहा।
खेड़ा जिले के गाडवा गांव में करीब 6 बीघा भूमि जमीन राजस्व रिकॉर्ड में मालिक-कब्जेदार गुजरात प्रांतीय समिति (गुप्रास) और देश के पूर्व गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम है। राजस्व रिकॉर्ड में 1930-31 से साल 2004 तक रिकॉर्ड दुरुस्त रहा।
2004 में दस्तावेज के कंप्यूटरीकरण के दौरान कब्जेदार के रूप में नाम ‘गुप्रास के प्रमुख वल्लभभाई झवेरभाई पटेल’ के नाम के बदले सिर्फ ‘वल्लभभाई झवेरभाई’ दर्ज हो गया तथा ‘गुप्रास के प्रमुख’ शब्द निकल गया। यहीं से जालसाज सक्रिय हो गए।
कठलाल के अराल गांव निवासी भूपेन्द्र डाभी ने गांव के ही हीराभाई कलाभाई डाभी को बतौर वल्लभभाई झवेरभाई की जाली पहचान के साथ पेश कर साल 2004-05 में अंगूठा लगवाया। ठगों ने बैंक से लोन लेने के लिए आवेदन भी कर दिया। जांच में यह घोटाला सामने आया।