ब्लिट्ज ब्यूरो
जोधपुर। जमीनी जंग के सबसे खतरनाक हथियार एएच-64 ई अपाचे गार्डियन हेलिकॉप्टर की पहली खेप भारत पहुंच चुकी है। इसमें 3 अटैक हेलिकॉप्टर शामिल हैं, जबकि शेष 3 हेलिकॉप्टर इस साल के अंत तक आने की संभावना है।
‘हवाई टैंक’ कहलाने वाले इन हेलिकॉप्टर की जोधपुर मिलिट्री स्टेशन पर तैनाती शुरू हो गई है। अब अमेरिकी सेना की तरह भारतीय थलसेना भी जमीनी आक्रमण के लिए इस घातक हथियार का उपयोग कर सकेगी।
रक्षा मंत्रालय ने 2022 में बोइंग से थलसेना के लिए 6 हेलिकॉप्टर खरीदने का करार किया था। भारतीय वायुसेना के पास अभी 22 अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर की दो स्क्वाड्रन पाक और चीन के मोर्चे पर तैनात हैं। अमेरिका ने 2020 में वायुसेना को 22 अपाचे हेलिकॉप्टर डिलीवर किए थे। भारत को मिले अपाचे 30 मिमी स्वचालित चेन गन से लैस हैं, जो प्रति मिनट 625 राउंड फायर करने में सक्षम हैं। यह 365 किमी/घंटा की गति और 480 किमी की रेंज से उड़ सकता है।
पिछले साल से चल रही थीं तैयारियां
जोधपुर में तैनात होने वाली अपाचे स्क्वाड्रन के हेलिकॉप्टर डेजर्ट के रंग में रहेंगे। ये हेलिकॉप्टर डेजर्ट हॉक्स की तरह जमीनी अटैक करने में माहिर है। अपाचे की पहली स्क्वाड्रन के लिए तैयारियां पहले ही जा चुकी हैं। अब तक अमेरिका में आर्मी एविएशन कोर के 50 पायलट और तकनीकी ग्राउंड स्टाफ की अमेरिका में ट्रेनिंग हो चुकी हैं।
जोधपुर मिलिट्री स्टेशन के अधीन एविएशन कोर के बेस पर पहले से रूद्र हेलिकॉप्टर तैनात है। अब दोनों ही हेलिकॉप्टर के पायलट्स को इसकी ट्रेनिंग दी गई है ताकि एयर कैवलरी या ग्राउंड अटैक के दौरान दोनों में बेहतर तालमेल बना रह सके। रूद्र की रेकी और फीड के आधार पर सेना अपने ऑपरेशन को जल्दी ही अंजाम देगी।
अपाचे हेलिकॉप्टर दुनिया के सबसे एडवांस हवाई हथियारों में से एक माना जाता है। एएच 64ई अपाचे दुनिया का सबसे एडवांस मल्टी काम्बैट हेलिकॉप्टर है। इनमें हाईक्वालिटी नाइट विजन सिस्टम है, जिससे दुश्मन को अंधेरे में भी ढूंढ़ा जा सकेगा।
यह मिसाइल से लैस है और एक मिनट में 128 लक्ष्यों पर निशाना साध सकता है। इसमें भारी मात्रा में हथियार ले जाने की क्षमता है। 280 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। हेलिकॉप्टर में 16 एंटी टैंक एजीएम-114 हेलफायर और स्ट्रिंगर मिसाइल लगी होती है। हेलफायर मिसाइल किसी भी आर्मर्ड व्हीकल जैसे टैंक, तोप, बीएमपी वाहनों को पलक झपकते ही ध्वस्त कर सकती है। वहीं स्टि्रंगर मिसाइल हवा से आने वाले किसी भी खतरे का सामना करने में सक्षम है। इसके साथ ही इसमें हाइड्रा-70 अनगाइडेड मिसाइल भी लगी होती हैं जो जमीनी टारगेट को तबाह कर सकती है।
एलसीएच प्रचंड, 16 सालों में बनकर तैयार हुआ
अपाचे के अलावा भारतीय सेना के पास स्वदेशी अटैक हेलिकॉप्टर एलसीएच प्रचंड भी है। साल 2006 में सरकार ने एलसीएच बनाने का काम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को सौंपा था।































