ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित आठ एएसडब्लू एसडब्ल्यूसी (पनडुब्बी रोधी युद्ध पोत) में से पहला पोत ‘अर्नाला’ को मैसर्स एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली में भारतीय नौसेना को सौंपा गया।
इस युद्धपोत को मैसर्स एलएंडटी शिपयार्ड के साथ जीआरएसई की सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के वर्गीकरण नियमों के अनुसार डिजाइन और निर्मित किया गया है, जिससे सहयोगी रक्षा विनिर्माण की सफलता का प्रदर्शन होता है।
अर्नाला का नाम महाराष्ट्र के वसई में स्थित ऐतिहासिक किले ‘अर्नाला’ के नाम पर रखा गया है, जो भारत की समृद्ध समुद्री विरासत का प्रतिबिंब है। 77 मीटर लंबा यह युद्धपोत, डीजल इंजन-वॉटरजेट संयोजन द्वारा संचालित सबसे बड़ा भारतीय नौसेना युद्धपोत है। जहाज को पानी के भीतर निगरानी, खोज और बचाव कार्यों और कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन (लिमो) के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह जहाज तटीय जल में एएसडब्ल्यू संचालन करने में सक्षम है, साथ ही इसमें उन्नत माइन बिछाने की क्षमता भी है। एसडब्ल्यूसी जहाजों के शामिल होने से भारतीय नौसेना की उथले पानी की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
‘अर्नाला’ की डिलीवरी भारतीय नौसेना की स्वदेशी जहाज निर्माण की खोज और 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को बनाए रखने की दिशा में एक और मील का पत्थर है।































