ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क के नसाउ कोलेजियम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि कोई समंदर इतना गहरा नहीं है, जो दिल की गहराइयों में बसे हिंदुस्तान को आपसे दूर कर सके। इस दौरान प्रवासी भारतीयों का पीएम मोदी के लिए उत्साह देखते ही बनता था। पीएम मोदी ने कहा कि कोई तमिल बोलता है, कोई तेलुगु, कोई मलयालम तो कोई कन्नड़, कोई पंजाबी, कोई मराठी, तो कोई गुजराती, भाषा अनेक हैं, लेकिन भाव एक है और वो भाव है- भारत माता की जय। दुनिया के साथ जुड़ने के लिए ये हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यही वैल्यूज हमें सहज रूप से ही विश्व-बंधु बनाती हैं। उन्होंने कहा कि मैं दुनिया में जहां भी जाता हूं, वहां भारतीय प्रवासियों की तारीफ सुनता हूं।
हम उस देश के वासी हैं…
उन्होंने कहा कि हम उस देश के वासी हैं जहां सैकड़ों भाषाएं, बोलियां, दुनिया के सारे मत-पंथ हैं, फिर भी हम एक बनकर आगे बढ़ रहे हैं।
मोदी ने समझाया एआई का मतलब
पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं सीएम बना तो टेक्नोलॉजी के माध्यम से आपके साथ जुड़ने का सिलसिला जारी रहा। पीएम रहते हुए मैंने आपसे अपार स्नेह पाया है, अपनत्व पाया है। दुनिया के लिए एआई का मतलब है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, लेकिन मैं मानता हूं एआई का मतलब है अमेरिकन इंडियन।
लोकतंत्र के उत्सव में साथ : मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम विविधता को समझते हैं, यह हमारे खून और संस्कृति में है। आपने भारत को अमेरिका से और अमेरिका को भारत से जोड़ा है। आपका कौशल, प्रतिभा और प्रतिबद्धता बेजोड़ है।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने मुझे अपने आवास पर आमंत्रित किया, यह 140 करोड़ भारतीयों के लिए सम्मान की बात है।”
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका लोकतंत्र के उत्सव में एक साथ हैं। उन्होंने कहा कि देश के एक बड़े वर्ग की उम्मीद पूरी हो रही है। बड़ी संख्या में लोगों के घरों में पीने का साफ पानी पहुंच रहा है। उनके घरों में बिजली पहुंची। अब भारत के लोग गुणवत्तापूर्ण जीवन चाहते हैं। पहले जिस काम को करने में कई साल लग जाते थे, वह अब महीनों में खत्म हो रहा है। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी के न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड स्थित नसाउ कोलेजियम में पहुंचने से पहले कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं।
जो मिला वो खा लिया…
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों को बताया कि मेरे जीवन का एक हिस्सा ऐसा भी रहा, जिसमें कई साल तक मैं देश में भटकता रहा। इस दौरान मुझे जहां खाना मिला खा लिया, जहां सोने को जगह मिली, सो लिया। वह भी एक वक्त था, जब मैंने कुछ और तय किया था, लेकिन नियति ने मुझे राजनीति में पहुंचा दिया। मैंने कभी सोचा ही नहीं था कि एक दिन मैं सीएम बनूंगा, जब बना तो सबसे ज्यादा समय तक रहने वाला सीएम बना।