ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। जी-7 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद, व्यापार और विकास जैसे अहम वैश्विक मुद्दों पर दुनिया के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत की। कनाडा के कनानास्किस में आयोजित जी-7 शिखर बैठक के आउटरीच सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति को दोहराया और इस वैश्विक खतरे के खिलाफ एकजुट होकर निर्णायक कार्रवाई की मांग की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए हमारी सोच और नीति स्पष्ट होनी चाहिए। यदि कोई देश आतंकवाद का समर्थन करता है, तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की कार्रवाई में दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा, एक ओर हम अपनी पसंद के अनुसार विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध जल्दी से लगा देते हैं, वहीं दूसरी ओर जो देश खुले आम आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उन्हें पुरस्कृत किया जाता है। यह दोहरी नीति बंद होनी चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने एक्स पर जानकारी देते हुए कहा, प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को दोहराया और पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले की निंदा करने के लिए नेताओं का आभार जताया। उन्होंने आतंकवाद को बढ़ावा देने और समर्थन देने वालों के खिलाफ सख्त वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
n इसमें जाति गणना भी की जाएगी, यह जनगणना प्रक्रिया शुरू होने के बाद से 16वीं जनगणना है और देश की आजादी के बाद 8वीं जनगणना है। n लोगों को स्व-गणना का प्रावधान भी उपलब्ध कराया जाएगा। n जनगणना से जुड़े तमाम डेटा की निजता और सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया जाएगा जिसमें जनगणना के लिए डेटा इकट्ठा करना, उसे ट्रांसफर और स्टोर करने समेत हर कदम पर डेटा लीक ना होने पाए। इसके कड़े इंतजाम होंगे।
इतिहासकारों के मुताबिक 1881 से 1971 के बीच, उत्तर भारत की जनसंख्या में सबसे कम वृद्धि हुई जो कि लगभग 115 प्रतिशत थी। अन्य क्षेत्रों में यह वृद्धि अधिक रही। दक्षिण भारत में 193 प्रतिशत, पश्चिम भारत में 168 प्रतिशत और पूर्वी भारत में 213 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं, 1881-2011 के दौरान भी उत्तर भारत में सबसे कम वृद्धि दर्ज की गई। यह वृद्धि 427 प्रतिशत थी। वहीं 1881-2011 के दौरान भी, उत्तर भारत में 427 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सबसे नीचे रहा। दक्षिण भारत में 445 प्रतिशत, पश्चिम भारत में 500 प्रतिशत और पूर्वी भारत में 535 प्रतिशत की वृद्धि हुई।