ब्लिट्ज ब्यूरो
कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि नशे में नाबालिग लड़की के ब्रेस्ट छूने की कोशिश करना, प्रिवेंशन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (पोक्सो) एक्ट के तहत रेप की कोशिश नहीं है। इसे गंभीर यौन उत्पीड़न की कोशिश माना जा सकता है।
कोलकत्ता हाईकोर्ट का यह फैसला तब आया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के ऐसे एक कमेंट को असंवेदनशील बताया था।
यह कहा था इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने
इलाहाबाद हाईकोर्ट बोला था कि ब्रेस्ट पकड़ना और लड़की को खींचना रेप नहीं, ये सिर्फ गंभीर यौन उत्पीड़न है। यह टिप्पणी इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की पीठ ने की थी।