ब्लिट्ज ब्यूरो
देहरादून। हाल ही में नेपाल के एवरेस्ट क्षेत्र में 1,000 और 2,700 मीटर के बीच की ऊंचाई पर 10 किंग कोबरा सांप देखे गए। इससे वैज्ञानिकों के बीच चिंता पैदा हो गई है। उनका कहना है कि इसे बदलते जलवायु पैटर्न से जोड़ा जा सकता है। सरीसृप, जो आमतौर पर निचले उष्णकटिबंधीय इलाकों में पाए जाते हैं, उनका गोपालेश्वर, भंज्यांग, सोखोल और फुलचौक सहित उच्च क्षेत्रों में दिखाई देना असामान्य है।
नेपाल में वानिकी संस्थान के बिष्णु पांडे ने बताया कि हमें कोविड-19 महामारी से ठीक पहले गौरी शंकर रेंज में किंग कोबरा के अंडे मिले थे। इसी तरह, जिरी नगरपालिका में नाग देखे गए, जो 1,600 मीटर और 5,000 मीटर से अधिक के बीच स्थित है। इन क्षेत्रों में पाए जाने वाले सांप उसी प्रजाति के थे जो नेपाल के तराई क्षेत्र में देखे गए थे। उच्च ऊंचाई पर इन सांपों की आवाजाही का सबसे संभावित कारण जलवायु परिवर्तन है।
बगैर शोध जलवायु परिवर्तन से नहीं जोड़ सकते
भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक रमेश चिन्नासामी ने बताया कि किंग कोबरा आमतौर पर वर्षा वनों में रहते हैं और स्वाभाविक रूप से शर्मीले होते हैं।
हालांकि हम विस्तृत अध्ययन के बिना इस बदलाव को जलवायु परिवर्तन से सीधे नहीं जोड़ सकते। बढ़ता तापमान सांपों की सक्रिय अवधि को बढ़ा सकता है और उन्हें अपनी सीमा का विस्तार करने के लिए प्रेरित कर सकता है। यह देखने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है कि क्या ये दृश्य एक व्यापक पारिस्थितिक परिवर्तन को दर्शाते हैं या अलग-थलग हैं।