ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। आम बजट में यूपी के एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने की कोशिश की गई है। इस सेक्टर के आगे बढ़ने का सीधा लाभ युवाओं को मिलेगा।
अर्थव्यवस्था विकास के दूसरे इंजन के रूप में 5.7 करोड़ एमएसएमई पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इनमें एक करोड़ से अधिक पंजीकृत एमएसएमई यूपी में हैं, जो 7.5 करोड़ लोगों को रोजगार दे रही हैं। ये उद्यमी हमारी जीडीपी में 36 प्रतिशत योगदान दे रहे हैं। आम बजट में एमएसएमई सेक्टर पर की गई घोषणाओं से यूपी में 2100 से ज्यादा बड़ी इकाइयों का जन्म होगा। सुरक्षा दायरा बढ़ने से 40 लाख इकाइयों की राह आसान होगी।
निवेश सीमा में 2.5 गुना वृद्धि और टर्नओवर सीमा में दो गुना वृद्धि से एमएसएमई क्षेत्र में निवेश और रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही तकनीक व नवाचार को अपनाने को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे यूपी में छोटी इकाइयों का आकार बढ़ेगा। मध्यम उद्यम की टर्नओवर सीमा 250 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये होने से यूपी में ही इस साइज की 2,100 से ज्यादा इकाइयां बढ़ने का अनुमान है। क्रेडिट गारंटी फंड्स फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज कवरेज को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ करने से प्रदेश की लगभग 40 लाख इकाइयों का सेफ्टी कवर बढ़ेगा। यह कदम एमएसएमई क्षेत्र में तकनीक अपनाने को प्रोत्साहित करेगा, जिसके लिए अक्सर उच्च प्रारंभिक पूंजी की आवश्यकता होती है।
जारी होंगे कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड
उद्यम रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (यूआरसी) पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों को 5 लाख रुपये की सीमा के साथ कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे। पिरामिड के निचले स्तर के उद्यमों को परेशानी मुक्त ऋण का प्रावधान यूपी में 10 लाख युवाओं के लिए रोजगार की नई राह खोलेगा। वहीं, पहली बार उद्यम करने वाली पांच लाख महिलाओं और एससी/एसटी उद्यमियों के लिए दो करोड़ रुपये के टर्म लोन के प्रावधान से प्रदेश की 50 हजार ऐसी महिलाएं उद्यमी के रूप में सामने आएंगी, जिन्हें कदम-कदम पर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
पांच जिलों को मिलेगी संजीवनी
खिलौनों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना के आधार पर खिलौनों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना नोएडा सहित पांच जिलों को संजीवनी देगी। अभी वैश्विक खिलौना बाजार के लगभग 80 प्रतिशत हिस्से पर चीनी खिलौने काबिज हैं। एमएसएमई सेक्टर को लेकर की गई घोषणाएं इंडस्ट्री का सूरतेहाल बदल देंगी। सबसे ज्यादा लाभ यूपी के छोटे उद्यमियों को होगा।
सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के दायरे में अधिक इकाइयां आ गई हैं तो सुरक्षा कवर बढ़ने से रिस्क लेने की क्षमता बढ़ेगी। 10 लाख युवाओं और 50 हजार महिलाओं के लिए उद्यमिता के रास्ते खुलेंगे।