ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। गंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करने एवं प्रदूषण में कमी लाने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने अपनी की 56वीं बैठक में 265 करोड़ रुपये की नौ परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह कदम गंगा नदी के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार व झारखंड से जुड़ी कई परियोजनाएं शामिल हैं।
एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव कुमार मित्तल की अध्यक्षता में हुई बैठक में उत्तर प्रदेश के डलमऊ रायबरेली में गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए मल कीचड़ प्रबंधन की एक महत्वपूर्ण परियोजना को मंजूरी प्रदान की गई। इस परियोजना के अंतर्गत 15 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र और एक सौर इन्वर्टर के साथ एक 8 केएलडी मल कीचड़ शोधन संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
डीबीओटी मोड के आधार पर परियोजना को 4.40 करोड़ रुपये की कुल लागत से अनुमोदित किया गया है। यह पांच वर्षों की निर्धारित अवधि के लिए परियोजना के ओ एंड एम को कवर करेगा।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के गुलावठी शहर में सीवरेज परियोजना को भी स्वीकृति दी गई है। इस परियोजना का मकसद गंगा नदी की सहायक पूर्वी काली नदी में प्रदूषण को रोकना है जो उत्तर प्रदेश के आठ जिलों से होकर बहती है।
50.98 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से स्वीकृत यह परियोजना 15 वर्षों की अवधि के लिए ओ एंड एम के साथ 10 एमएलडी की क्षमता वाले नालों और सीवेज शोधन कार्यों के आई एंड डी को समर्पित है।