ब्लिट्ज ब्यूरो
भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। हालांकि अभी इसमें प्रतिभा की काफी कमी है। इसी कमी को खत्म करने के लिए मेधावी स्किल्स यूनिवर्सिटी (एमएसयू) ने हाल ही में राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास और निवेश निगम लिमिटेड (आरआईआईसीओ) के साथ एक करार किया है। ये करार आरआईआईसीओ ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) की पहल के तौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में विशेष कौशल विकास प्रशिक्षण लागू करने के लिए किया है।
इस करार के जरिए आरआईआईसीओ, युवाओं में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में विशेष तौर पर औद्योगिक शिक्षा पर फोकस करेगा। इससे जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम जयपुर, जोधपुर और उदयपुर के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में आयोजित किए जाएंगे। सेमीकंडक्टर आई सी डिजाइन और प्रोफेशनल वेरीफिकेशन, सेमीकंडक्टर आईसी से जुड़े हैं और आईसी की ट्रेनिंग इसमें शामिल है। ये सभी पाठ्यक्रम मौजूदा जरूरतों के मुताबिक हैं जिसे एनसीवीईटी ने अनुमोदित किया है और एनएस क्यूएफ के साथ जुड़ा है ।
ऑटोमोबाइल, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकॉम जैसे क्षेत्र में लगातार हो रहे बदलाव और आधुनिक होने की वजह से सेमीकंडक्टर डिजाइन और उसकी टेक्नोलॉजी की अभी पहले के मुकाबले काफी ज्यादा मांग है । 2027 तक भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में 300,000 पेशेवर लोगों की जरूरत होगी I इसी विशेष प्रशिक्षण के जरिए इस जरूरत को पूरा करने की कोशिश की जा रही है। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन (एसआईए) के मुताबिक 2030 तक दुनियाभर में सेमीकंडक्टर बिक्री 1 ट्रिलियन डालर को पार कर जाएगी, लेकिन प्रशिक्षित लोगों की कमी होने की वजह से भारत का योगदान इसमें काफी सीमित रह सकता है । भारत में 18,083.55 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट का उत्पादन किया गया है, जो दुनिया भर में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। इस सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञों के कहना है कि जब देश में इस सेक्टर में निवेश किया जाता है तो कुशल पेशेवरों की कमी ही सबसे बड़ी समस्या है और यही सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत के एक मजबूत केंद्र बनने में बाधक बन सकती है।
मेधावी स्किल्स यूनिवर्सिटी, इसी मांग को पूरा करने के लिए इंडस्ट्री की जरूरतों के मुताबिक शिक्षा को बढ़ावा देकर तेजी से विकसित हो रहे इस सेक्टर की जरूरतों को पूरा कर रही है। मेधावी स्किल्स यूनिवर्सिटी तेजी से बढ़ती सॉफ्टवेयर कंपनी लाॅजिकनाॅट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जो एनएसडीसी-आईआईटी गुवाहाटी की ट्रेनिंग पार्टनर भी है; के साथ करार करके सेमीकंडक्टर के डिजाइन और प्रौद्योगिकी में ट्रेनिंग देकर इस क्षेत्र में कुशल लोगों की कमी को दूर कर रही है ।
मेधावी स्किल्स यूनिवर्सिटी का पाठ्यक्रम, जिसे लाॅजिकनाॅट्स के सहयोग से डिजाइन किया गया है, उद्योगों के लिहाज से प्रासंगिक है। यह सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक दोनों की जरूरतों को पूरा करता है और यह भी सुनिश्चित करता है कि छात्रों को तुरंत रोजगार मिल सके। आरआईआईसीओ के साथ कौशल विकास परियोजनाओं के सुचारू कार्यान्वयन को लाॅजिकनाॅट्स के साथ यह रणनीतिक पार्टनरशिप पूरा करेगा।
इस अवसर पर मेधावी स्किल्स यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर कुलदीप सरमा ने कहा, हम सेमीकंडक्टर उद्योग के सामने सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक, प्रशिक्षित लोगों की कमी को पूरा करने के लिए आरआईआईसीओ के साथ करार करने को लेकर काफी उत्साहित हैं। इस नई शुरूआत के जरिए हम न केवल भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के विकास में योगदान दे रहे हैं बल्कि कुशल भारत मिशन में भी सहयोग दे रहे हैं। हम भारतीय युवाओं को भविष्य के करियर के लिए तैयार कर रहे हैं साथ ही दुनियाभर में सेमीकंडक्टर बाजार में भारत की स्थिति को मजबूत कर रहे हैं।
मेधावी स्किल्स यूनिवर्सिटी और आरआईआईसीओ के बीच साझेदारी, उद्योग-शिक्षण संस्थान के बीच सहयोग को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो आने वाले दिनों में सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए लगातार कुशल लोगों को तैयार करता रहेगा।