ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मुकदमे की सुनवाई (ट्रायल) शुरू किए बगैर किसी को लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता है। पीठ ने मादक पदार्थ से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार आरोपी को जमानत देते हुए कहा कि लंबे समय तक आरोपी की कैद में रखकर, बिना सुनवाई की सजा में देने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
याचिकाकर्ता पांच साल से अधिक समय से जेल में बंद है। सरकारी वकील ने कहा कि मामले में सह-आरोपी को जमानत पर रिहा किया गया था लेकिन वह अदालती कार्यवाही में पेश नहीं हो रहा। पीठ ने कहा कि बिना सुनवाई के लंबे समय तक जेल में रखना, बिना सुनवाई के सजा के समान है।