ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। मेडिकल उपकरण बनाने वाली कंपनियां अब डाक्टरों को विदेश यात्रा नहीं करा सकेंगी। सरकार ने मेडिकल उपकरण सेक्टर के लिए नियम अधिसूचित किए हैं। सरकार ने अनैतिक चलन पर अंकुश लगाने के मकसद से ये कदम उठाया है। असल में मेडिकल उपकरण बनाने वाली कई कंपनियां डाक्टरों के लिए विदेश में कार्यशालाएं आयोजित कराती हैं, उनके खाने-पीने से लेकर ठहरने तक का प्रबंध करती हैं।
घूमने-फिरने का खर्च भी उठाती हैं
यही नहीं, वहां घूमने-फिरने का खर्च भी उठाती हैं। उन्हें आर्थिक रूप से भी लाभान्वित करती हैं। बदले में ये कंपनियां चिकित्सकों से लाभ उठाती हैं। चिकित्सक खर्चा उठाने वाली कंपनी के उपकरण मरीजों के लिए लिखते हैं या उनकी सिफारिश करते हैं।
पेशकश पर रोक लगाने को कहा
अधिसूचना में फार्मास्यूटिकल्स विभाग (डीओपी) ने मेडिकल डिवाइस एसोसिएशन यानी चिकित्सा उपकरण संघ से स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के लिए विदेश में कार्यशालाओं के आयोजन, उन्हें होटल में ठहरने या आर्थिक अनुदान की पेशकश करने पर रोक लगाने को कहा है। इसमें कहा गया है सभी संघों को चिकित्सा उपकरणों की मार्केटिंग के लिए एक नैतिकता समिति (ईसीएमपीएमडी) का गठन करना चाहिए। शिकायतों को अपनी वेबसाइटों पर अपलोड करना चाहिए, जिसे फार्मास्यूटिकल्स विभाग के यूसीपीएमपी पोर्टल से जोड़ा जाएगा।
डीओपी ने चिकित्सा उपकरण फर्मों से मेडिकल उपकरण के सैंपलों के वितरण, सम्मेलनों, कार्यशालाओं, सेमिनारों आदि पर किए गए खर्चों का ब्योरा भी मांगा है। अधिसूचना में कहा गया है कि रेगुलेटरी अथारिटी द्वारा उत्पाद को मान्यता देने से पहले किसी चिकित्सा उपकरण को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।
सुरक्षित या सुरक्षा शब्द का उपयोग बिना किसी योग्यता के न हो
इसमें कहा गया है कि सुरक्षित या सुरक्षा शब्द का उपयोग बिना किसी योग्यता के नहीं किया जाना चाहिए और यह स्पष्ट रूप से दावा नहीं किया जाना चाहिए कि किसी चिकित्सा उपकरण का कोई दुष्परिणाम नहीं है। साथ ही किसी भी चिकित्सा उपकरण कंपनी या उसके एजेंट द्वारा किसी भी डाक्टर या उसके परिवार के सदस्य को व्यक्तिगत लाभ के लिए कोई उपहार नहीं दिया जाना चाहिए। कंपनियों या उनके प्रतिनिधि डाक्टरों या उनके परिजन को सम्मेलनों, सेमिनारों या कार्यशालाओं आदि में भाग लेने के लिए देश के अंदर या कबाहर यात्रा की सुविधा नहीं प्रदान करनी चाहिए।