ब्लिट्ज ब्यूरो
पेरिस। हरियाणा के किसान परिवार के तीरंदाज हरविंदर सिंह ने पेरिस पैरालंपिक में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया। उन्होंने पुरुषों की व्यक्तिगत रिकर्व ओपन स्पर्धा में स्वर्ण पदक पर कब्जा करके देश के खाते में चौथा स्वर्ण पदक डाल दिया। उन्होंने फाइनल मुकाबले में पोलैंड के लुकास किजेक को 6-0 से मात दी।
तीरंदाजी का दूसरा मेडल
यह पेरिस में तीरंदाजी खेलों में दूसरा पदक है। इससे पहले शीतल देवी और राकेश कुमार ने कंपाउंड स्पर्धा के मिश्रित टीम वर्ग में कांस्य पदक जीता था। टोक्यो पैरालंपिक के कांस्य विजेता हरविंदर सिंह ने इससे पहले सेमीफाइनल में ईरान के मोहम्मद रेजा अरब अमेरी को 7-3 से हराया और फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय तीरंदाज बने। यह उनका पैरालंपिक में लगातार दूसरा तीरंदाजी पदक है। रिकर्व ओपन में तीरंदाज 70 मीटर की दूरी से खड़े होकर निशाना लगाते हैं।
डेंगू से पैर पर पड़ा था असर
हरियाणा के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले 33 साल के हरविंदर जब डेढ़ साल के थे तो उन्हें डेंगू हो गया था और इसके उपचार के लिए उन्हें इंजेक्शन लगाए गए थे। दुर्भाग्य से इन इंजेक्शन के कुप्रभावों से उनके पैरों की गतिशीलता चली गई।
पिता ने खेत को बना दिया तीरंदाजी रेंज
वह 2018 जकार्ता एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक भी जीत चुके हैं। कोविड-19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में उनके पिता ने अपने खेत को तीरंदाजी रेंज में बदल दिया ताकि वह ट्रेनिंग कर सकें। उसमें उन्होंने काफी अभ्यास किया जिसका उन्हें बहुत फायदा हुआ।
हरविंदर ने तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में कांस्य जीतकर इतिहास रचा था क्योंकि वह भारत का पहला तीरंदाजी पदक था। तीरंदाजी में सफलता के साथ हरविंदर अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री भी ले रहे हैं।
– लगातार दूसरा पैरालंपिक पदक जीता
हरविंदर सिंह का सफर
-चीनी ताइपे के सेंग लुंग हुई को 7-3 से हराया
– इंडोनेशिया के सेतियावान को 6-2 से हराया
– कोलंबिया के रेमिरेज हैक्टर को 6-2 से हराया
– ईरान के मोहम्मद रेजा को 7-3 से हराया
– पोलैंड के लुकास किजेक को 6-0 से मात दी