ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। राज्य के संस्कृत शिक्षकों को अब 75 फीसद अधिक मानदेय मिलेगा। हाईस्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अब 12 हजार की जगह 20 हजार रुपये और इंटरमीडिएट में पढ़ाने वाले शिक्षकों को 15 हजार की जगह 25 हजार रुपये मानदेय मिलेगा। पिछले दिनों कैबिनेट बाइ सर्कुलेशन इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसके अलावा परिवहन विभाग में भी मृतक आश्रितों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।
कैबिनेट ने संस्कृत विद्यालयों में मानेदय पर रखे गए 1368 शिक्षकों की सेवा अवधि दो साल के लिए और बढ़ा दी है। 31 मार्च को इनकी संविदा अवधि खत्म हो गई थी। कैबिनेट ने परिवहन विभाग में मृतक आश्रितों के 1156 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने को भी हरी झंडी दे दी।
शासन के नियमों के अनुसार अगर कोई विभाग घाटे में है तो वहां अनुकंपा नियुक्ति नहीं की जा सकती। परिवहन विभाग 2016-17 से घाटे में चल रहा था। इसलिए 8 साल से मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति नहीं हो पा रही थी। पिछले दो वित्तीय सत्र से विभाग मुनाफे में है, इसलिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने को मंजूरी दे दी गई। अधिकतर पद ड्राइवर, कंडक्टर के ही हैं। कैबिनेट ने एडेड डिग्री कॉलेज के शिक्षकों के परिवारीजनों को भी डेथ ग्रेच्युटी प्रदान करने पर सहमति दे दी। एडेड कॉलेजों में रिटायरमेंट की आयु 62 वर्ष है। ग्रेच्युटी का लाभ उन्हें ही मिलता है जिन्होंने 60 वर्ष पर रिटायरमेंट का विकल्प दिया है।
ऐसे में जिन शिक्षकों ने रिटायरमेंट आयु का विकल्प नहीं दिया था, लेकिन उनकी मौत 60 साल से पहले हो गई थी, उनके परिवारीजनों को ग्रेच्युटी नहीं मिल पा रही थी।
कैबिनेट के फैसले
– संस्कृत शिक्षकों का मानदेय 75 फीसद बढ़कर 20,000 और 25,000 होगा
– परिवहन विभाग में मृतक आश्रितों की 1156 पदों पर नियुक्ति शुरू होगी
– एडेड डिग्री कॉलेज शिक्षकों के परिवारीजनों को मिलेगी ग्रेच्युटी