विनोद शील
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे अब वंदे भारत और नमो भारत सेमी हाई स्पीड ट्रेन के बाद सुपर हाई स्पीड ट्रेन की तरफ कदम बढ़ा रहा है। मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन भी चलाई जाएगी जिसका काम चल रहा है और भारत में अब हाइपरलूप ट्रेन की टेस्टिंग भी की जा रही है। इस हाइपरलूप के जरिए दिल्ली से पटना तक की 1,040 किलोमीटर की दूरी मात्र 1 घंटे में पूरी की जा सकेगी। वहीं दिल्ली से हरिद्वार जाने में मात्र 20 मिनट का समय ही लगेगा। देश का ट्रांसपोर्ट अब सिर्फ साधारण रोड, रेल, एयर और वॉटर तक ही सीमित नहीं है।
गत 15 मार्च को चेन्नई के अपने दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आईआईटी मद्रास में इस हाइपरलूप टेस्टिंग ट्यूब का निरीक्षण किया। टेस्टिंग के दौरान अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आईआईटी मद्रास में 410 मीटर लंबा हाइपरलूप टेस्ट ट्यूब एशिया की सबसे लंबी हाइपरलूप टेस्टिंग फैसिलिटी है और ये जल्द ही दुनिया की सबसे लंबी हाइपरलूप टेस्ट ट्यूब होगी। भविष्य में सब कुछ ठीक रहा और भारत में हाइपरलूप ट्रेन की शुरुआत होती है तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट की पूरी सूरत ही बदल जाएगी। रेल मंत्रालय के साथ साझेदारी में निर्मित यह ट्रैक इसे दुनिया की सबसे लंबी छात्र-संचालित हाइपरलूप प्रणाली बनाता है।
कई देशों में हो रहा काम
सबसे पहले इसका टेस्ट 9 नवंबर 2020 को अमेरिका के लास वेगास में 500 मीटर के ट्रैक पर एक पॉड के साथ आयोजित किया गया था। विश्व के कई देशों में हाइपरलूप तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। यूरोप में सबसे लंबा हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक खुल चुका है। अब देश का पहला हाइपरलूप रेल ट्रैक तैयार कर लिया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस पर ट्रेन का ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा।
मुंबई से पुणे तक 25 मिनट में
इस बीच मुंबई और पुणे को जोड़ने वाली अपनी पहली हाइपरलूप ट्रेन की शुरुआत के साथ भारत परिवहन क्रांति का अनुभव करने के लिए तैयार है। एक रिपोर्ट के अनुसार भविष्य की यह परिवहन प्रणाली दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को घटाकर सिर्फ़ 25 मिनट कर देगी। वर्तमान में, पारंपरिक ट्रेनों से यही यात्रा लगभग 3-4 घंटे में पूरी होती है।
मुंबई और पुणे के बीच आर्थिक सेतु
यात्रा के समय को बहुत कम करके, हाइपरलूप महाराष्ट्र के दो वित्तीय केंद्रों के बीच एक आर्थिक पुल के रूप में काम करेगी। तेज कनेक्टिविटी से व्यापार के अवसर बढ़ेंगे, लॉजिस्टिक्स का समय कम होगा और क्षेत्रीय विकास में योगदान मिलेगा।
दुनिया का सबसे लंबा हाइपरलूप ट्रैक होगा
केंद्रीय मंत्री अश्विनी ने हाल ही में घोषणा की थी कि आईआईटी मद्रास में हाइपरलूप परियोजना में एशिया की सबसे लंबी हाइपरलूप ट्यूब शामिल होगी जिसकी लंबाई 410 मीटर होगी। इसके पूरा होने पर, यह दुनिया की सबसे लंबी हाइपरलूप बन जाएगी । चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री परियोजना के इलेक्ट्रॉनिक घटकों का विकास करेगी। आईआईटी मद्रास मुम्बई-पुणे हाइपरलूप के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षण स्थल के रूप में काम करेगी जिससे आगे की प्रगति के लिए अनुसंधान और विकास में मदद मिलेगी।
हालांकि, व्यावसायिक लॉन्च की सटीक समय सीमा की घोषणा अभी नहीं की गई है लेकिन हाइपरलूप परियोजना ने पहले ही काफ़ी उत्साह पैदा कर दिया है। अगर यह सफल रही तो यह देश भर में इसी तरह की परियोजनाओं के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकती है जिससे भारतीयों के यात्रा करने और व्यापार करने के तरीके में बदलाव आएगा। अपनी यात्रा के दौरान, वैष्णव ने आईआईटी मद्रास के चेन्नई परिसर में हाइपरलूप प्रणाली का लाइव प्रदर्शन भी देखा, जहां उन्होंने परियोजना पर काम कर रहे शोधकर्ताओं के साथ बातचीत की।
– एशिया की सबसे लंबी हाइपरलूप टेस्टिंग ट्यूब तैयार
-अभी 600 किमी की रफ्तार, 20 मिनट में हरिद्वार