नीलोत्पल आचार्य
वैसे तो शरीर को कई तरह के मिनरल्स और विटामिन की आवश्यकता होती है लेकिन जिंक हमारे शरीर के लिए सबसे जरूरी मिनरल है। अगर इसका काउंट फिट है तो चेहरे पे उम्र का असर नहीं दिखेगा। आइये – ब्लिट्ज इंडिया की आज की इस रिपोर्ट में जानते हैं – आखिर जिंक होता क्या है? शरीर में इसका संतुलन कैसे बनाए रखा जा सकता है और हमारे लिए ये क्यों जरूरी है?
जिंक हमारे शरीर को सेहतमंद रखने में काफी मदद करता है। यह एक ऐसा मिनरल है जिसे हमारा शरीर खुद-ब-खुद नहीं बनाता बल्कि हेल्दी डाइट से इसकी भरपाई हो सकती है। वैसे तो यह मिनरल हमारे शरीर में प्रोटीन बनाने का काम करता है जो हमारा डीएनए बनाने में मदद करता है। अगर आपके शरीर में भरपूर मात्रा में जिंक है , तो यकीन मानिए आप जल्दी बूढ़े नहीं दिखेंगे।
सूंघने की शक्ति का आधार
बता दे कि इंसान के सूंघने की शक्ति काफी हद तक जिंक पर ही निर्भर करती है।
यह एक ऐसा मिनरल है जिसे शरीर कभी भी स्टोर नहीं कर पाता, इसीलिए रोजाना हमें इस मिनरल की आवश्यकता होती है जो हमारे शरीर में काफी चीजों के लिए महत्वपूर्ण है। अगर आपके शरीर में जिंक की कमी है तो आपको कुछ खास तरह के लक्षण दिखाई देंगे जैसे भूख न लगना, बालों का झड़ना, पूरे दिन सुस्ती बनी रहना, मुंह का स्वाद बिगड़ जाने के साथ ही चिड़चिड़ापन।
बच्चों पर असर
अगर बच्चों में इसकी कमी की बात की जाए तो ये उनके विकास की गति पर सीधा असर करता है, उनकी ग्रोथ धीमी हो जाती है।
पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या
पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या इसकी कमी से बढ़ सकती है। जिंक की कमी से शुक्राणु उत्पादन घट सकता है। ये शरीर का इम्यून सिस्टम भी बिगाड़ कर रख देता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए जिंक बहुत जरूरी
गर्भवती महिलाओं के लिए भी जिंक बहुत जरूरी मिनरल है। इसकी कमी नवजात पर भी असर डाल सकती है। अगर आप वेजिटेरियन हैं तो, सीड्स इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आपको पंपकिन सीड्स, हैम्प सीड्स, तिल के बीज और अलसी सीड्स से भरपूर मात्रा में जिंक मिल जाएगा। इसके साथ ही मूंगफली, बादाम, पाइन नट्स और काजू को भी जिंक का अच्छा स्रोत माना जाता है।
डार्क चॉकलेट से भी जिंक की कमी को पूरा किया जा सकता है। ये शतावर , मटर और पालक जैसी सब्जियों में भी पाया जाता है। इसके साथ ही आप डॉक्टर की सलाह से कुछ सप्लीमेंट्स लेकर भी जिंक की कमी को दूर कर सकते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में लगभग दो अरब लोग जिंक की डेफिशिएंसी के शिकार हैं।
5 वर्ष से कम उम्र के 4 लाख बच्चों की मौत इसकी कमी से
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश स्टडी की मानें तो दुनियाभर में हर साल 5 वर्ष से कम उम्र के लगभग 4 लाख बच्चों की मौत किसी न किसी वजह से जिंक डेफिशिएंसी से होने वाले इंफेक्शन से होती है।