ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने स्पष्ट कहा था कि हम आतंकवादियों और उनके साज़िशकर्ताओं को पाताल में भी नहीं छोड़ेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेनाओं ने अदम्य साहस और पराक्रम के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकियों और उनको पालने वाले पाकिस्तान को ऐसा करारा जवाब दिया है जैसा इन सभी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा। आतंकिस्तान पांच दिनों में ही घुटनों के बल आ गया और सीजफायर कर देने की भीख मांगने लगा। इसके लिए उसने दुनिया से बचाने के लिए गुहार लगाई।
भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ 7 मई को की गई कार्रवाई में पाकिस्तान में बिना घुसे ही उसके यहां नौ बड़े आतंकवादी ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया गया। इनमें पांच आतंकवादी सरगनाओं सहित 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। यह कहना सर्वथा उचित है कि भारत ने समुचित तरीके से पहलगाम में हुए नरसंहार का बदला ले लिया है जिसमें 26 निर्दोष लोग आतंकवादियों ने नृशंस तरीके से मार डाले थे। पाकिस्तान को साफ शब्दों में यह कह दिया गया है कि अब अगर कोई भी आतंकवादी हरकत हुई तो भारत उसे युद्ध की कार्रवाई मानेगा और उसका अपने तरीके से कई गुना अधिक घातक जवाब पाकिस्तान को झेलना पड़ेगा। अब हमले थामने के एलान से भारत को क्या हासिल हुआ, इसे यूं समझा जा सकता है।
सटीक निशानों में आतंकी ठिकाने नष्ट
भारतीय सेनाओं ने 6-7 मई की रात एक साथ आतंकवादियों के 9 ठिकानों को निशाना बनाया।
इ नमें पांच ठिकाने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओके) में थे और चार पाकिस्तान के अंदर। भारत के इस एक्शन में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वॉर्टर्स और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के बड़े ट्रेनिंग सेंटरों को एक साथ ध्वस्त किया गया। भारत ने 9 घंटे बाद दुनिया के सामने अपनी इस कार्रवाई का सबूतों के साथ एलान भी कर दिया और कहा कि सभी हमले पूरी तरह सफल रहे।
बड़े टारगेट और बड़ा नतीजा
आतंकवादियों पर भारत की यह सबसे बड़ी स्ट्राइक थी। इसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के पांच मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी मारे गए। इनमें जैश के हाफिज मुहम्मद जमील, मोहम्मद यूसुफ अजहर (जैश सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार) और मोहम्मद हसन खान शामिल थे। वहीं, लश्कर के मुदस्सर खादियान खास उर्फ मुदस्सर और खालिद उर्फ अबू अक्सा भी ढेर हुए। ये सभी आतंक फैलाने के लिए धन जुटाने से लेकर, आतंकियों को ट्रेनिंग देने और भारत में आतंकी हमले करवाने का काम करते थे।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत ने दुनिया को भी दिखाया कि आतंकवाद और आतंकवादियों के खात्मे के लिए भारत घर में घुसकर और चुन-चुनकर वार कर सकता है। लाहौर, कराची, रावलपिंडी तक पहुंच दिखाकर हमारी सेनाओं ने आतंकियों को ध्वस्त करने के साथ ही भारत में पाकिस्तान की तरफ से हो रहे हमलों का भी करारा जवाब दिया। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को सटीक निशाना बनाकर यह दिखाया कि जरूरत पड़ने पर भारत बड़ा मिलिट्री एक्शन लेने से बिल्कुल नहीं चूकेगा। पूरे ऑपरेशन में भारत की सशस्त्र सेनाओं का जबरदस्त कोऑर्डिनेशन दुनिया ने देखा। आतंकी ठिकाने ध्वस्त करने से लेकर पाकिस्तान की तरफ से हुए ड्रोन और मिसाइल अटैक को नाकाम कर सशस्त्र सेनाओं ने दिखाया कि उनकी निगहबानी में देश पूरी तरह सुरक्षित है। एक साथ सैकड़ों ड्रोन अटैक फेल कर और पाकिस्तान की मिसाइलें गिराकर भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने ताकत दिखाई। साथ ही, पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों को सटीक निशाना बनाकर यह भी दिखाया कि भारत के पास हाईएंड टेक्नॉलजी है।
डिप्लोमेसी में है दम
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने सीना ठोककर दुनिया के सामने कहा कि आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और हर फोरम पर दुनिया को साफ संदेश दिया कि पाकिस्तान आतंकवाद फैला रहा है और उसके सबूत भी दुनिया के सामने रखे। भारत की डिप्लोमेसी की ताकत ऑपरेशन शुरू होने के साथ से ही दिखती रही। दुनिया के कई देशों ने आतंकवाद के खिलाफ बयान दिया और आतंक को सपोर्ट करने वाले की खुलेआम निंदा की। साथ ही, भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया।