ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत की इकॉनमी के लिए एक और अच्छी खबर आई है। बोफा सिक्योरिटीज ने दुनिया भर के फंड मैनेजर्स का एक सर्वे किया। इस सर्वे में पता चला कि एशिया में निवेश करने के लिए भारत सबसे अच्छी जगह है। बहुत सारे फंड मैनेजर्स मानते हैं कि टैरिफ में बदलाव होने से भारत को सबसे ज्यादा फायदा होगा। पहले जापान निवेश के लिए सबसे अच्छी जगह थी, लेकिन अब भारत ने उसे पीछे छोड़ दिया है। अब जापान दूसरे नंबर पर है। सर्वे में यह भी पता चला कि एशिया में निवेश के लिए सबसे बेहतरीन देशों में चीन तीसरे नंबर पर है।
दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही इकॉनमी
बोफा सिक्योरिटीज के सर्वे में कहा गया है कि भारत सबसे पसंदीदा बाजार बनकर उभरा है। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ के कारण सप्लाई चेन में जो बदलाव हो रहे हैं, उससे भारत को फायदा होगा। जापान पहले नंबर से हट गया है, जबकि चीन पिछले महीने सबसे नीचे था, लेकिन अब तीसरे नंबर पर आ गया है। थाईलैंड अभी भी निवेश के लिए सबसे कम पसंदीदा बाजार है। इसका मतलब है कि फंड मैनेजर्स को लगता है कि थाईलैंड में निवेश करना अभी उतना फायदेमंद नहीं है।
भारत में कौन से सेक्टर अच्छे हैं?
इस बारे में सर्वे बताता है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर और खपत ऐसे क्षेत्र हैं जिन पर निवेशक खास ध्यान दे रहे हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर का मतलब है सड़कें, पुल, बिजली जैसी चीजें। खपत का मतलब है लोग कितना सामान खरीद रहे हैं। सर्वे में यह भी कहा गया है कि एशिया में जापान को छोड़कर बाकी देशों में टेलीकॉम और सॉफ्टवेयर कंपनियों में निवेश करने वाले ज्यादा हैं। वहीं, एनर्जी, मैटेरियल्स और कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी जैसे क्षेत्रों से बचने की कोशिश कर रहे हैं। कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी का मतलब है लोग अपनी मर्जी से जो चीजें खरीदते हैं, जैसे कपड़े या मनोरंजन की चीजें। लेकिन इसमें रिटेलिंग और ई-कॉमर्स शामिल नहीं हैं।
सेमीकंडक्टर के बारे में भी सर्वे में बात
सर्वे में पता चला कि सेमीकंडक्टर को लेकर लोगों की सोच पहले से बेहतर हुई है। पिछले महीने 59% लोगों को लग रहा था कि सेमीकंडक्टर का कारोबार धीमा हो जाएगा, लेकिन इस महीने यह संख्या घटकर 42% हो गई है। दुनिया भर में फंड मैनेजर्स को लग रहा है कि अब अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे सुधर रही है। सर्वे में शामिल 59% लोगों को लगता है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था कमजोर है, लेकिन पिछले महीने यह आंकड़ा 82% था। इसका मतलब है कि अब ज्यादा लोगों को लग रहा है कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है।