आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। मानवरहित विमान यानी हमलावर ड्रोन ने पहली सफल उड़ान भर ली है । इस ड्रोन को बेंगलुरु की फ्लाइंग वेज डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने बनाया है। इस सफल उड़ान से भारत अब हाईटेक लड़ाकू यूएवी से लैस देशों में शामिल हो गया है।
कंपनी का कहना है कि पहले तुर्किये ने भारत को बायरकटर यूएवी देने से इनकार किया था। अमेरिका ने भी प्रीडेटर ड्रोन डील को दो साल से रोक रखा है। ऐसे हालात में स्वदेशी एफडब्ल्यूडी 200बी यूएवी ने देश को आत्मनिर्भर बनाया है। इसकी सफल उड़ान रक्षा क्षेत्र में मील का ऐतिहासिक पत्थर साबित होगी।
यूएस से 10 गुना सस्ता
कंपनी का दावा है कि भारत का यह लड़ाकू यूएवी अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोन की तुलना में 10 गुना तक सस्ता है। तुलनात्मक आंकड़े बताते हुए कंपनी ने दावा किया कि भारत को एक अमेरिकी ड्रोन के लिए करीब 250 करोड़ रुपये देने पड़ते हैं जबकि स्वदेशी यूएवी 25 करोड़ का है।
सफल उड़ान पूरे देश की जीत
भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है। उसने अमेरिका और इस्राइल जैसे देशों से सैन्य तकनीक के लिए दस गुना तक कीमत चुकाई है लेकिन एफडब्ल्यूडी 200बी की सफल उड़ान पूरे देश की जीत है। – सुहास तेजसंद, सीईओ
ऐसा है स्वदेशी यूएवी
– 15,000 फीट तक यानी मध्यम ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम।
– 300 मीटर के रनवे यानी छोटी हवाई पट्टी से उड़ सकता है।
– 250 किमी./ घंटे की मैक्सिमम रफ्तार से 20 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
– 102 किलो वजन, 30 किलो तक मिसाइलें ले जा सकता है
– पंखों का फैलाव 5 मीटर और लंबाई 3.5 मीटर है
– बेंगलुरु की कंपनी ने बनाया स्वदेशी बमवर्षक