ब्लिट्ज ब्यूरो
पेसिल्वेनिया। अमेरिका की पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली दिव्या त्यागी नाम की एक भारतीय छात्रा ने कमाल कर दिखाया है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही दिव्या ने एयरोडायनामिक्स की एक पुरानी गणित की गुत्थी को सुलझाकर और भी ज्यादा आसान बना दिया है। उनकी इस नई रिसर्च से पवन ऊर्जा से चलने वाली विंड टरबाइन को नए सिरे से डिजाइन करने में मदद मिल सकती है। पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार दिव्या एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स की पढ़ाई कर रही हैं।
दरअसल ब्रिटिश वैज्ञानिक हरमन ग्लाउर्ट ने पवन टरबाइन से मिलने वाली अधिकतम ऊर्जा पर रिसर्च की थी और दिव्या ने कथित तौर पर उन्हीं के काम को और बेहतर बनाया है।
ग्लाउर्ट का मॉडल ऊर्जा को बढ़ाने पर केंद्रित था लेकिन, उन्होंने टरबाइन पर लगने वाले बल या हवा के दबाव से ब्लेड के मुड़ जाने जैसी जरूरी बातों पर ध्यान नहीं दिया।
‘विंड एनर्जी साइंस’ में पब्लिश
हुई दिव्या की रिसर्च
दिव्या ने ग्लाउर्ट के काम को आगे बढ़ाते हुए टरबाइन पर लगने वाले सभी बलों को ध्यान में रखकर विंड टरबाइन की कार्यप्रणाली पर गणितीय रिसर्च पेश की है। उन्होंने इस शोध पर काम तब किया जब वह अंडरग्रेजुएट स्टूडेंट थीं। उनकी रिसर्च ‘विंड एनर्जी साइंस’ में प्रकाशित भी हुई है।
दिव्या के सलाहकार स्वेन श्मिट्ज ने दिव्या के सॉल्यूशन की तारीफ करते हुए कहा कि उनका काम दुनिया भर में अगली पीढ़ी के पवन टरबाइन को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने पवन ऊर्जा के उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने के लिए दिव्या के रिसर्च को बहुत महत्वपूर्ण बताया।
रिसर्च के लिए दिव्या को मिला बड़ा अवॉर्ड
दिव्या को उनकी उपलब्धि के लिए एंथोनी ई. वोल्क अवार्ड मिला है। यह अवार्ड एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में सबसे अच्छे शोध के लिए दिया जाता है।
एयरोस्पेस इंजीनियर दिव्या
दिव्या ने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री हासिल करने के बाद कम्प्यूटेशनल फ्लूइड डायनामिक्स में रिसर्च कर रही हैं। वह हेलीकॉप्टर के उड़ान सिमुलेशन को बेहतर बनाने और विमानन सुरक्षा को बढ़ाने के प्रोजेक्ट पर अमेरिकी नौसेना के साथ काम कर रही हैं।