मनोज जैन
नई दिल्ली। वित्तीय अभावों सेे जूझ रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया (वीआई) को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) और स्पेक्ट्रम के बकाए को चुकाने में काफी दिक्क तें हो रही हैं। ऐसे में कंपनी ने एडिशनल फाइनेंशियल सपोर्ट के लिए सरकार से रिक्वेस्ट की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने इसे लेकर टेलीकॉम सेक्रेटरी नीरज मित्तल को लैटर भेजा है। कंपनी ने सरकार से रिक्वेस्ट की है कि इसके आउटस्टैंडिंग ड्यू यानी बकाए के एक बड़े हिस्से को इक्विटी में बदल दिया जाए। अगर ऐसा होता है तो वोडाफोन-आइडिया में सरकार की हिस्सेदारी बढ़कर 49% हो सकती है, जो अभी 22.6% है।
कंपनी ने 2021 टेलीकॉम राहत
पैकेज के तहत सहायता मांगी
रिपोर्ट के मुताबिक, वोडाफोन-आइडिया 36,950 करोड़ रुपए के एजीआर और स्पेक्ट्रम बकाया के लिए राहत की मांग कर रही है। इसमें आने वाले हफ्तों में 13,089 करोड़ रुपए का तत्काल भुगतान भी शामिल है।
वीआई ने संकेत दिया है कि उसके पास इन पेमेंट्स को पूरा करने की क्षमता नहीं है। वोडाफोन आइडिया ने 2021 टेलीकॉम राहत पैकेज के तहत सहायता मांगी है। इस मामले में कंपनी की तरफ से अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है। वोडाफोन-आइडिया ने ऐसे समय में रिक्वेस्ट की है कि जब मीडिया रिपोर्ट्स के दावे के मुताबिक सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर बकाए में कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया है।
अगर कंपनी की रिक्वेस्ट को सरकार मान लेती है तो एनालिस्ट्स का अनुमान है कि वीआई को 52 हजार करोड़ रुपए की राहत मिल सकती है, जो इसके आउटस्टैंडिंग एजीआर लायबिलिटी का करीब 75% घटा देगा और टोटल कर्ज का 25% कम हो जाएगा।
सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी की याचिका खारिज की थी
वोडाफोन आइडिया ने जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट में एक क्यूरेटिव याचिका दायर कर एजीआर के बकाए के कैलकुलेशन को चुनौती दी थी जिसमें नॉन-कोर रेवेन्यू को भी शामिल किया गया था और कंपनी इसके खिलाफ थी। हालांकि, सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम ऑपरेटर की याचिका खारिज कर दी थी।
तीसरी तिमाही में वीआई
को 6,609 करोड़ का लॉस
वोडाफोन-आइडिया को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 6,609 करोड़ रुपए घाटा (कॉन्सोलिडेटेड नेट लॉस) हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 6,986 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। सालाना आधार पर कंपनी का घाटा 5.40% कम हुआ है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में वोडाफोन-आइडिया का कॉन्सोलिडेटेड ऑपरेशनल रेवेन्यू सालाना आधार पर 4.16% बढ़कर 11,117 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 10,673 करोड़ रुपए रहा था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है।
वोडाफोन-आइडिया का
एआरपीयू 173 रुपए रहा
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान वोडाफोन-आइडिया का ‘एवरेज रेवेन्यू पर यूजर’ (एआरपीयू) 4.7% बढ़कर 173 रुपए रहा। पिछली तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में यह 166 रुपए था। यह बदलाव टैरिफ बढ़ोतरी और यूजर्स द्वारा महंगे पैक खरीदने की वजह से हुआ है।