ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। पहलगाम में 26 हिन्दू पर्यटकों के नरसंहार ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को विस्फोटक स्तर पर पहुंचा दिया है। हालात अब किसी भी वक्त युद्ध में बदल सकते हैं। इसी बीच भारत ने अपनी समुद्री ताकत का इजहार करते हुए स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को अरब सागर में तैनात कर दिया है। गौरतलब है कि अरब सागर के किनारे ही पाकिस्तान की आर्थिक नब्ज कराची स्थित है। भारत का यह कदम साफ संकेत है कि अगर पाकिस्तान ने अपनी हरकतें नहीं रोकीं, तो उसे उसकी सबसे बड़ी कमजोर नस पर चोट दी जाएगी।
भारत के सख्त तेवरों से बौखलाया पाकिस्तान अब अपनी ताकत का खोखला प्रदर्शन करने में जुट गया है। पाकिस्तान एयरफोर्स ने ‘जर्ब-ए-हैदरी’ नाम से एक बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू करने का एलान किया है।
इस ड्रिल में पाकिस्तान के सभी प्रमुख लड़ाकू विमान — जे-10सी विगोरस ड्रैगन, एफ-16 फाइटिंग फाल्कन, जेएफ-17 थंडर — के साथ एचक्यू-9 हिमद एयर डिफेंस सिस्टम, एईडब्ल्यू (एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग) एयरक्राफ्ट और यूसीएवी ड्रोन शामिल किए जा रहे हैं। पाकिस्तान का यह प्रयास, हकीकत में, उसके भीतर पल रही गहरी दहशत को छुपाने की नाकाम कोशिश है.
अब एक और भारतीय सर्जिकल स्ट्राइक
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान को सबसे बड़ा डर अब एक और भारतीय सर्जिकल स्ट्राइक का है। इसी घबराहट में पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अपनी पुरानी आदत दोहराई है। 26-27 अप्रैल की रात, टुटमारी गली और रामपुर सेक्टर में पाकिस्तानी सेना ने छोटे हथियारों से फायरिंग की। भारतीय सेना ने भी पूरी ताकत से इसका करारा जवाब दिया। तीन दिनों से लगातार एलओसी पर गोलियों की आवाजें गूंज रही हैं, लेकिन इस बार भारत का धैर्य जवाब नहीं देगा, बल्कि दुश्मन को उसकी औकात याद दिलाई जाएगी। अब भारत की रणनीति साफ है — आतंक के हर सरपरस्त को उसकी जमीन पर घुसकर सबक सिखाना। और पाकिस्तान? वह दुनिया से रहम की भीख मांगते हुए खुद को बचाने की नाकाम जद्दोजहद में फंसा हुआ है।