ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी के साथ फोन पर बात की। यह दोनों विदेश मंत्रियों की अब तक की पहली बातचीत थी। अब तक भारत ने अफगानिस्तान में तालिबानी शासन को मान्यता नहीं दी है।
इस बातचीत में भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने की कोशिशों का भी जिक्र हुआ। पिछले दिनों पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था कि भारत ने अफगानिस्तान को भी मिसाइलों से निशाना बनाया था। भारत ने इसे सिरे से खारिज किया था। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि उनकी मुत्ताकी के साथ अच्छी बात हुई। जयशंकर ने एक्स पर लिखा कि वह पहलगाम आतंकी हमलों को लेकर उनकी ओर से की गई भर्त्सना को सराहते हैं। साथ ही उन्होंने आधारहीन रिपोर्ट के जरिए दोनों देशों के बीच अविश्वास पैदा करने की कोशिशों को मुत्ताकी की ओर से खारिज किए जाने का स्वागत किया। जयशंकर ने लिखा कि अफगान लोगों के साथ पारंपरिक दोस्ती को रेखांकित किया गया। इसके साथ ही इस बात पर भी चर्चा हुई कि इस सहयोग को आगे कैसे लेकर जाया जा सकता है।
अफगानिस्तान के बयान के मुताबिक, मुत्ताकी ने भारत को एक बड़ी क्षेत्रीय ताकत बताया और जयशंकर के सामने भारत के साथ ऐतिहासिक रिश्तों का भी जिक्र किया। मुत्ताकी ने इलाज और बिजनेस के लिए भारत जाने वाले अफगान नागरिकों के वीजा जारी किए जाने का मामला भी उठाया। वहीं भारतीय जेलों में बंद अफगान नागरिकों की रिहाई और प्रत्यर्पण का मसला भी इस बातचीत में उठाया गया।