उ न्होंने परियोजना में रेलवे की भूमिका पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे मंत्रालय फंडिंग और तकनीक के माध्यम से परियोजना का समर्थन कर रहा है। कुछ वर्षों के भीतर एक कार्यशील हाइपरलूप मॉडल के विकास पर अपनी आशा व्यक्त करते हुए, वैष्णव ने कहा, अब से कुछ वर्षों में, हमारे पास एक अच्छा, कार्यशील मॉडल होगा। रेल मंत्रालय ने मई 2022 में हाइपरलूप टेक्नोलॉजी के स्वदेशी डेवलपमेंट के लिए आईआईटी मद्रास को 8.34 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट के लिए ये पूरा टेस्टिंग सिस्टम स्वदेशी तकनीकों का उपयोग करके विकसित किया गया है जिसके लिए उन्होंने इसमें शामिल सभी छात्रों को बधाई दी।
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