ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। वित्त मंत्री ने मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देने के साथ अगली पीढ़ी के सुधारों का खाका पेश किया है। उन्होंने नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को पूरी तरह से आयकर से छूट देने की घोषणा की। इसके अलावा टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है। आयकर छूट न्यू टैक्स रिजीम का ऑप्शन चुनने वाले टैक्सपेयर्स को मिलेगी।
2014 के ठीक बाद, ‘जीरो टैक्स’ स्लैब को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया, जिसे 2019 में बढ़ाकर 5 लाख रुपये और 2023 में 7 लाख रुपये कर दिया गया। विभिन्न आय स्तरों पर स्लैब दर में परिवर्तन और छूट के कुल कर लाभ को उदाहरणों से स्पष्ट किया जा सकता है।
नई रिजीम में 12 लाख की आय वाले करदाता को कर में 80,000 का लाभ मिलेगा (मौजूदा दरों के अनुसार देय टैक्स की 100% छूट प्राप्त होगी)। प्रभावी आयकर दर 0% होगी।
अन्य किस स्लैब को कितना लाभ
– 16 लाख रुपये की आय वाले व्यक्ति को कर में • 50,000 का लाभ मिलेगा। देय प्रभावी इनकम टैक्स सिर्फ 7.5% होगा
– 18 लाख रुपये की आय वाले व्यक्ति को कर में ₹70,000 का लाभ मिलेगा । देय प्रभावी इनकम टैक्स सिर्फ 8.8% होगा
– 20 लाख रुपये की आय वाले व्यक्ति को कर में 90,000 रुपये का लाभ मिलेगा । देय प्रभावी इनकम टैक्स सिर्फ 10% होगा।
– 25 लाख रुपये की आय वाले व्यक्ति को 1,10,000 रुपये का लाभ मिलेगा। प्रभावी टैक्स रेट सिर्फ 13.2% होगा।
– 50 लाख रुपये की आय वाले व्यक्ति को भी 1,10,000 रुपये का लाभ मिलेगा। प्रभावी टैक्स रेट सिर्फ 21.6% होगा
इनकम टैक्स स्लैब क्या है
भारत में आयकर एक स्लैब प्रणाली के आधार पर व्यक्तियों पर लागू होता है, जहां अलग-अलग आय श्रेणियों के लिए अलग-अलग कर दरें निर्धारित की जाती हैं। जैसे-जैसे व्यक्ति की आय बढ़ती है, टैक्स की दरें भी बढ़ती हैं। इस तरह टैक्सेशन देश में एक निष्पक्ष और प्रगतिशील टैक्स सिस्टम की अनुमति देता है। आयकर स्लैब को समय-समय पर संशोधित किया जाता है, आमतौर पर बजट के दौरान।
इनकम टैक्स रेट
– 0-4 लाख तक की इनकम पर टैक्स निल (कोई टैक्स नहीं)
– 4-8 लाख की इनकम पर टैक्स 5 प्रतिशत
– 8-12 लाख की इनकम पर टैक्स 10 प्रतिशत
– 12-16 लाख की इनकम पर टैक्स 15 प्रतिशत
– 16-20 लाख की इनकम पर टैक्स 20 प्रतिशत
– 20-24 लाख की इनकम पर टैक्स 25 प्रतिशत
– 24 लाख रुपये की इनकम पर टैक्स 30 प्रतिशत
12 लाख तक आय टैक्स फ्री कैसे
आसान भाषा में इस तरह समझिए- अगर आपकी इनकम 12 लाख रुपये तक है। तो आपको पहले 4 लाख रुपये के लिए जीरो टैक्स देना होता है। अब अगली 4 लाख से 8 लाख रुपये तक की इनकम पर 5 प्रतिशत यानी 20,000 रुपये टैक्स देना होगा। इसके बाद 8 से 12 लाख की और इनकम पर आपको 10 प्रतिशत के हिसाब से 40,000 रुपये टैक्स देना होता है। यानी कुल आपकी 12 लाख की इनकम पर 60,000 रुपये टैक्स देना होगा। जबकि स्टैंडर्ड डिडक्शन रिबेट 75,000 रुपये है। इसका मतलब हुआ कि 12 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई भी टैक्स नहीं लगेगा।