ब्लिट्ज ब्यूरो
वाशिंगटन। खगोलीय घटनाओं में सबसे प्रमुख आकर्षण सूर्य ग्रहण का ही रहता है। यह बेहद दुर्लभ घटना होती है। सूर्य ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच से चंद्रमा गुजरता है। यह कुछ समय के लिए सूर्य को ढक लेता है। साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगा था। यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण था जो पूरे उत्तरी अमेरिका में दिखा था। हालांकि यह भारत में नहीं दिखा था।
सूर्य ग्रहण चार तरह से लगते हैं। सूर्य ग्रहण किस तरह लगेगा, यह चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी पर भी तय होता है, क्योंकि चंद्रमा धरती से नजदीक और दूर होती रहती है। इसके अलावा यह आपको कैसा दिखेगा यह आपकी लोकेशन पर भी निर्भर करता है।
सूर्य ग्रहण के प्रकार
पूर्ण सूर्य ग्रहण : यह ऐसा ग्रहण है जब चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को ढक लेता है। इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी के करीब होता है। हर सूर्य ग्रहण का एक पथ होता है। साथ ही एक ऐसा समय होता है जब चंद्रमा पूरी तरह ढक जाता है, जिसे समग्रता कहते हैं। यह कुछ ही मिनटों का होता है। तब पूरी तरह अंधेरा छा जाता है। साथ ही तापमान भी गिर जाता है। वहीं सूर्य का कोरोना भी दिखाई देता है।
आंशिक सूर्य ग्रहण : आंशिक सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक लाइन में सीधे नहीं होते। इस कारण चंद्रमा सूर्य के कुछ हिस्से को ही ढक पाता है। वही अन्य सूर्य ग्रहण में लोकेशन के कारण भी आंशिक सूर्य ग्रहण दिखता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण : वलयाकार सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी से दूर हो। तब यह पूरी तरह सूर्य को ढक नहीं पाता, जिस कारण हमें सूर्य ग्रहण के दौरान आसमान में एक ‘आग का रिंग’ दिखता है।
हाइब्रिड सूर्य ग्रहण : इसे वलयाकार-पूर्ण ग्रहण कहा जाता है। इसमें यह सूर्य को पूरी तरह ढकता है, लेकिन कुछ हिस्सा खुला रह जाता है।
अगले पांच सूर्य ग्रहण की तारीखें
– 2 अक्टूबर 2024: इस साल 2 अक्टूबर को एक और सूर्य ग्रहण लगेगा। यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। यह दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा। आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में इसे दक्षिण अमेरिका, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, उत्तरी अमेरिका में देखा जा सकेगा। 2026 तक लगने वाला कोई भी सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा।
– 29 मार्च 2025: यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। यूरोप, एशिया के कुछ हिस्से, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक महासागर में दिखेगा।
– 21 सितंबर 2025: यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर में दिखेगा।
– 17 फरवरी 2026: यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा जो अंटार्कटिका में दिखेगा। इसके अलावा आंशिक ग्रहण अंटार्कटिका के अन्य हिस्से, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर और हिंद महासागर में दिखाई देगा।
– 12 अगस्त 2026: यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा जो ग्रीनलैंड, आइसलैंड, स्पेन, रूस और पुर्तगाल के एक छोटे हिस्से में दिखेगा। आंशिक सूर्य ग्रहण यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक महासागर और प्रशांत महासागर में देखा जा सकेगा।