विनोद शील
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे (3.0) कार्यकाल के 100 दिन 17 सितंबर को पूरे हो गए। पहले और दूसरे कार्यकाल से पृथक इस बार पीएम मोदी के सामने गठबंधन को बरकरार रखने की नई चुनौती भी है। 4 जून को जब लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आए तो इसे कुछ लोगों ने पीएम मोदी की हार के तौर पर देखा, कई लोगों ने यह सवाल भी उठाए कि पूर्ण बहुमत नहीं होने से पीएम मोदी का अंदाज अब वैसा नहीं रहेगा। यह बात बिल्कुल सही है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को अपने तीसरे कार्यकाल में 2014 तथा 2019 की तरह पूर्ण बहुमत नहीं मिला और गठबंधन सरकार में बहुत कुछ सहयोगियों पर निर्भर हो जाता है लेकिन गठबंधन सरकार बनाने के बावजूद पीएम मोदी की नई सरकार के तेवर वही पुराने वाले नजर आए। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में कोई अधिक फेरबदल नहीं किया।
2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने , रूस और यूक्रेन जाकर पीएम मोदी ने यह भी बता दिया कि विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरी पारी में भी ठीक वैसे ही काम किया है जैसा उन्होंने वादा किया था, चाहे वह कृषि के विकास और किसानों के कल्याण की बात हो या फिर हाईवे, मेट्रो, पोर्ट, एयरपोर्ट, डिफेंस, पर्यावरण, गरीबों और मध्य वर्ग के लिए घर, मोदी सरकार दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाले लगभग हर क्षेत्र में अहम फैसले लेने में कोई देरी नहीं कर रही है। उन्होंने अपने तीसरे कार्यकाल के 100 दिनों में दुनिया को भारत की ताकत दिखा दी है।
गुजरात दौरे के दौरान 16 सितंबर को अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में आयोजित भव्य स्वागत समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इन 100 दिनों में हमने भारत के अगले 1000 सालों के लिए वृद्धि का आधार (बेस) तैयार करने का काम किया है।
मोदी 3.0 के 100 दिन में हुए माइलस्टोन फैसले
हमारा ध्यान केवल शीर्ष पर पहुंचने पर नहीं, बल्कि इस स्थान को बनाए रखने पर भी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैंने लोकसभा चुनाव के दौरान आप सभी को और देशवासियों को एक गारंटी दी थी। मैंने कहा था कि तीसरे टर्म के पहले 100 दिन में देश के लिए अभूतपूर्व फैसले लिए जाएंगे। बीते 100 दिनों में मैंने दिन-रात नहीं देखा। 100 दिन के एजेंडे को पूरा करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। पीएम मोदी ने कहा,’ देश हो या विदेश, जहां भी जो भी प्रयास करने थे, वो किए, कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ी। पिछले 100 दिन ना जाने कैसी-कैसी बातें होने लगीं। इस दौरान मेरा मजाक उड़ाया गया। लोग हैरान भी थे कि मैं क्यों चुप था। भाई-बहनों, ये सरदार पटेल की भूमि से पैदा हुआ बेटा है। 100 दिन के इन फैसलों में देश के हर नागरिक, हर परिवार, हर वर्ग के कल्याण की गारंटी पक्क ी हो गई है। उन्होंने री-इन्वेस्ट 2024 में कहा कि हमारे लिए हरित भविष्य और शुद्ध शून्य उत्सर्जन केवल दिखावटी शब्द नहीं हैं। ये देश की जरूरतें हैं और हम इसे हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यही नहीं, सरकार अयोध्या और 16 अन्य शहरों को मॉडल ‘सोलर सिटी’ के रूप में विकसित करने के लिए भी काम कर रही है।
अगले 25 सालों में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाएंगे
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे देश के लिए यह स्वर्णिम समय है, हम अगले 25 सालों में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाएंगे। इसमें गुजरात की बहुत बड़ी भूमिका है। गुजरात आज मैन्युफैक्चरिंग का बहुत बड़ा हब बन रहा है। वो दिन दूर नहीं जब भारत को पहला मेड इन इंडिया ट्रस्ट पोर्ट एयरक्राफ्ट सी295 गुजरात से मिलेगा।
नफरत से भरे लोग भारत और गुजरात को कर रहे बदनाम
पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘एक तरफ हर देशवासी पूरी दुनिया में भारत का ब्रांड एम्बेसडर बनाना चाहता है। अपने देश को और उसके सामर्थ्य को आगे बढ़ाने में लगा है। वहीं, देश में नकारात्मकता से भरे कुछ लोग भारत की एकता और अखंडता को निशाना बना रहे हैं, वे देश को बांटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि नफरत से भरे लोग भारत और गुजरात को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। ये लोग गुजरात को भी लगातार निशाने पर ले रहे हैं। इसलिए गुजरात को इनसे सतर्क भी रहना है और इनपर नजर भी रखनी है। विकसित होने के रास्ते पर चल रहा भारत ऐसी ताकतों से डटकर मुकाबला करेगा।
मोदी सरकार ने तैयार किया भविष्य का प्लान
सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि आगे चलकर ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ इस सरकार के कार्यकाल में ही लागू किया जाएगा। रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट पहले से ही केंद्र के पास है। केंद्र जल्द ही जनगणना की प्रक्रिया भी शुरू कर सकता है। हालांकि इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है, इस पर चर्चा चल रही है। इसके अलावा केंद्र चुनाव के बाद कम से कम समय में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए भी कदम उठाएगा। साल 2024 में केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पूरा ध्यान शासन में निरंतरता दिखाने, महिलाओं, युवाओं, गरीबों और किसानों से किए गए वादों को पूरा करने पर लगा रही है। साल 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद ने 26 मई को और 2019 में 30 मई को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी। इसप्रकार सितंबर के पहले सप्ताह में सरकार ने अपने सौ दिन पूरे कर लिए थे। साल 2024 में प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद ने 9 जून को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली और अगले दिन अपने मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। इसतरह मोदी के तीसरे कार्यकाल के सौ दिन 17 सितंबर को पूरे हुए। वैसे तो इन 100 दिनों में मोदी ने कई बड़े फैसले लिए हैं पर पिछले 100 दिनों में पीएम मोदी के द्वारा लिए गए कुछ बड़े फैसलों के बारे में बात करते हैं।
किसानों को मिली पहली सौगात
पीएम पद के शपथ लेने के बाद मोदी 3.0 ने पहली खुशखबरी किसानों को दी थी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी कर दी गई थी। ऐसे में 9.3 करोड़ किसानों को 20 हजार रुपये दिए गए थे। साथ ही सरकार ने कई फसलों में 100-550 रुपये तक एमएसपी बढ़ाने की घोषणा भी की थी।
बजट में रोजगार का बोलबाला
लोकसभा चुनाव के दौरान रोजगार का मुद्दा मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती था। ऐसे में 22 जुलाई को बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने रोजगार का पिटारा खोल दिया। कौशल विकास मिशन के लिए 2 लाख करोड़ का बजट आवंटित किया गया। 1 करोड़ युवाओं को 500 टॉप कंपनियों में पेड इंटर्नशिप का मौका मिलेगा। साथ ही रोजगार बढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर भी काम किया जा रहा है।
महिलाओं की हुई बल्ले-बल्ले
मोदी सरकार ने 100 दिन के कार्यकाल में महिलाओं से जुड़ी सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की है। 100 दिनों में 11 लाख लखपति दीदी बनी हैं। ये महिलाएं साल में 1 लाख से ज्यादा कमा रही हैं।
इसके अलावा 17 सितंबर को पीएम मोदी ने अपने 74वें जन्मदिन पर देश की 1.30 करोड़ महिलाओं को तोहफा भी दिया। बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने ओडिशा में ‘मोदी गारंटी’ दी थी जिसमें वादा किया गया था कि अगर भाजपा सरकार बनती है तो हर महिला को पांच साल में 50000 रुपये मिलेंगे। उनका कहना था कि यह प्रक्रिया 17 सितंबर से शुरू होगी, जिसमें लगभग 1 करोड़ 30 लाख महिलाओं को ‘सुभद्रा योजना’ के माध्यम से 5000 रुपये की पहली किस्त प्राप्त होगी।
15 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट
मोदी सरकार ने पिछले 100 दिन में 15 लाख करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई है। इस एनडीए सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्टर सेक्टर में अपनी नीति में स्थिरता दिखाई है।
सिर्फ 100 दिनों की बात करें तो एक बार फिर सड़क, रेलवे, पोर्ट और एयरवे पर फोकस दिख रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण तो महाराष्ट्र का वधावन मेगा पोर्ट है जिसके लिए सरकार ने 76, 200 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए हैं। 25 हजार उन गांवों को भी सड़क से जोड़ने की योजना है जहां अभी तक कनेक्टिविटी नहीं पहुंच पाई है। कई राज्यों को बाढ़ से निपटने के लिए 12554 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
सौ दिन का लेखा-जोखा
– 15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की योजनाओं पर काम
– हरित भविष्य और शुद्ध शून्य उत्सर्जन केवल दिखावटी शब्द नहीं
– भविष्य के एजेंडे पर नजर, 2047 तक भारत होगा विकसित राष्ट्र
– 100 दिन के काम में 1000 साल का बेस तैयार