ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जांच पूरी होने के बावजूद निचली अदालतों द्वारा कम गंभीर मामलों में जमानत याचिकाएं खारिज किये जाने पर निराशा जताई है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइंया की पीठ ने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश को पुलिस राज्य की तरह काम नहीं करना चाहिए, जहां कानून प्रवर्तन एजेंसियां बिना किसी वास्तविक कारण के लोगों को हिरासत में लेने के लिए मनमानी शक्तियों का इस्तेमाल करती हैं।
पीठ ने कहा, यह चौंकाने वाली बात है कि सुप्रीम कोर्ट उन मामलों में जमानत याचिकाओं पर फैसला सुना रहा है जिनका निपटारा निचली अदालत के स्तर पर होना चाहिए।