ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून की सांविधानिक वैधता को चुनौती देने वाली नई याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि हर कोई अखबार में नाम चाहता है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने तय किया कि वह लंबित मामलों की सुनवाई जल्द करेगी।
अदालत में जब याचिकाएं सुनवाई के लिए आईं तो केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं का अंत नहीं हो रहा है। ऐसे याचिकाएं दायर नहीं की जा सकती। इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्होंने 8 अप्रैल को याचिका दायर की थी। 15 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री द्वारा बताई गई खामियों को दूर कर दिया था, लेकिन उनकी याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं की गई।
इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हर कोई अखबार में अपना नाम चाहता है। जब याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका को लंबित याचिकाओं के साथ शामिल करने का अनुरोध किया तो बेंच ने कहा कि हम इस मुद्दे पर निर्णय लेंगे। पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि अगर ऐसी कोई अन्य याचिका आएगी तो उसे खारिज कर दिया जाएगा। याचिकाकर्ता के वकील ने लंबित याचिकाओं में हस्तक्षेप की अनुमति देने की मांग की तो पीठ ने कहा कि हमारे पास पहले से ही तमाम हस्तक्षेपकर्ता हैं।