ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की एक रैली में वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि यह गैर जिम्मेदाराना है। साथ ही अदालत ने उनके खिलाफ चल रही आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी। जस्टिस दीपांकर दत्ता की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। राहुल गांधी के वकील सिंघवी ने अदालत से आग्रह किया कि कोई टिप्पणी न की जाए, राहुल गांधी का इरादा वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने का नहीं था।
इस पर बेंच ने कहा कि जब आपको भारत के इतिहास के बारे में कुछ जानकारी न हो, तो इस तरह की टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए। वह एक राजनीतिक दल के नेता हैं, फिर भी इस तरह की टिप्पणी क्यों की?
जब सिंघवी ने तर्क दिया कि राहुल गांधी पर लगाए गए वर्गों के बीच मनमुटाव बढ़ाने और सार्वजनिक शरारत के आरोप नहीं बनते, तो पीठ ने टिप्पणी की कि क्या आपके मुवक्कि ल को पता है कि महात्मा गांधी ने वायसराय को पत्र लिखते हुए आपका सेवक जैसे शब्दों का प्रयोग किया था? क्या सिर्फ इसलिए गांधी को ब्रिटिशों का सेवक कहा जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने चेताया कि अगर भविष्य में राहुल ने ऐसा कोई और बयान दिया, तो हम स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करेंगे। यह मामला 17 नवंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महाराष्ट्र के अकोला जिले में राहुल गांधी द्वारा सावरकर पर की गई टिप्पणी से जुड़ा है।
स्वतंत्रता सेनानियों ने हमें स्वतंत्रता दिलाई है और हम उनके साथ ऐसा व्यवहार करते हैं? यह तरीका सही नहीं है।