ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के बीच डिफेंस के मोर्चे पर भारत के लिए अच्छी खबर आई है। देश ने विदेश में हथियार बेचने के मामले में बड़ी छलांग लगाई है। भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच भारत के रक्षा निर्यात पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए किए जा रहे प्रयासों के बीच, भारत का रक्षा निर्यात पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में 23,622 करोड़ रुपये (लगभग 2.76 बिलियन डॉलर) के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष के 21,083 करोड़ रुपये के आंकड़े की तुलना में, यह 2,539 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्शाता है जो 12.04% की वृद्धि के बराबर है।
‘मेक इन इंडिया’ की धमक
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता ने ‘मेक इन इंडिया’ हथियार प्रणालियों की सटीकता को दुनिया के सामने ला दिया है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सैन्य बलों ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी शिविरों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया। पड़ोसी देश द्वारा ड्रोन हमले शुरू करने के बाद भारत ने पाकिस्तान के कई एयरबेसों को हमले में भारी क्षति पहुंचाई है।
रक्षा मंत्रालय का ट्वीट
रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया कि भारत 2029 तक 50,000 करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य रखते हुए लगभग 80 देशों को निर्यात करता है। इससे वैश्विक रक्षा विनिर्माण में उसकी उपस्थिति मजबूत होगी। वित्त वर्ष 2013-14 में 686 करोड़ रुपये के राजस्व की तुलना में वित्त वर्ष 2024-25 का आंकड़ा 23,622 करोड़ रुपये है, जो 34 गुना वृद्धि है।
अप्रैल में रक्षा मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया था कि वित्त वर्ष 2024-25 में रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) के निर्यात प्रदर्शन में 42.85% की वृद्धि के साथ पर्याप्त सुधार हुआ है। ये भारतीय रक्षा उत्पादों की मजबूत अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति और वैश्विक आपूर्ति नेटवर्क में इस क्षेत्र की एकीकृत क्षमता को दर्शाता है।
बदलीं भारत की सैन्य क्षमताएं
वित्त वर्ष 2024-25 में निजी क्षेत्र का योगदान 15,233 करोड़ रुपये रहा, जबकि डीपीएसयू ने 8,389 करोड़ रुपये का निर्यात किया। ये आंकड़े वित्त वर्ष 2023-24 से सुधार दर्शाते हैं, जब निजी क्षेत्र का निर्यात 15,209 करोड़ रुपये और डीपीएसयू का निर्यात 5,874 करोड़ रुपये रहा था।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत ने अपनी सैन्य क्षमताओं में बदलाव किया है। भारी आयात निर्भरता से हटकर घरेलू विनिर्माण और आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित किया है। इसने रक्षा निर्यात में महत्वपूर्ण प्रगति की है, गोला-बारूद, हथियार, सिस्टम, सबसिस्टम और विभिन्न घटकों सहित विविध सैन्य उपकरणों को सफलतापूर्वक वितरित किया है