ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। पहलगाम में आतंकी हमले को लेकर लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, आतंकवादियों ने जंगलों में टूरिस्ट स्पॉट तक पहुंचने के लिए अल्पाइन क्वेस्ट एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया था। इस एप का इस्तेमाल कर आतंकी ओवरग्राउंड वर्कर्स की मदद के बिना ऊपरी इलाकों तक पहुंच गए।
क्या है अल्पाइन क्वेस्ट एप
अल्पाइन क्वेस्ट एप एक नेविगेशन टूल है जिसे मूल रूप से ट्रेकिंग के लिए डिजाइन किया गया था। हालांकि, हाल के वर्षों में आतंकियों द्वारा इसका दुरुपयोग सामने आया है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौतियां पैदा हुई हैं। एप के जरिए पहाड़, जंगल और नदी का रास्ता आसानी से तलाशा जा सकता है। घाटी जैसे इलाकों में आतंकियों के बीच इस एप का इस्तेमाल बढ़ा है। एप का निर्माण 2011-12 में फ्रांस की एक स्वतंत्र सॉफ्टवेयर कंपनी ने किया था। मूल उद्देश्यः यह एप ट्रैकर्स और पर्वतारोहियों के लिए बनाया गया था जिससे वे ऑफलाइन मोड में भी पहाड़ी और जंगल क्षेत्रों में नेविगेट कर सकें।
8 जुलाई, 2024 कठुआ आतंकी हमला
आतंकियों ने इस एप की मदद से पहाड़ी क्षेत्रों में नेविगेट कर भारतीय सेना पर हमला किया, जिसमें 5 जवान शहीद हुए।
21 दिसंबर 2023 पुंछ आतंकी हमला
आतंकियों ने हमले के बाद इस एप का उपयोग कर सुरक्षित ठिकानों तक पहुंच गए।
आखिर सुरक्षा एजेंसियां क्यों नहीं कर पातीं ट्रैक
एप पूरी तरह से ऑफलाइन मोड में काम करता है। उपयोगकर्ता पहले से डाउनलोड किए गए टोपोग्राफिक मैप्स का उपयोग कर सकता है और जीपीएस के जरिए अपनी लोकेशन ट्रैक कर सकता है, वह भी बिना किसी इंटरनेट या मोबाइल नेटवर्क के। एप किसी सेंट्रल सर्वर से डाटा एक्सचेंज नहीं करता और उपयोगकर्ता की गतिविधियां ऑनलाइन नहीं होतीं।