ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। लाखों लोगों की लाइफलाइन बन चुकी दिल्ली मेट्रो ने एक और इतिहास रचा है। एयरोसिटी-तुगलकाबाद रूट पर सबसे अहम काम को पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के तहत आने वाले गोल्डन लाइन रूट पर जल्द ही मेट्रो ट्रेन के दौड़ने की संभावना बढ़ गई है। डीएमआरसी ने सबसे गहरी सुरंग का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खुद इसका निरीक्षण भी किया है। इस मौके पर सीनियर मिनिस्टर मनजिंदर सिंह सिरसा भी उनके साथ रहे।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर (गोल्डन लाइन) के इग्नू स्टेशन साइट (छतरपुर मंदिर से) पर टनल बोरिंग मशीन की सफलता के साथ फेज-4 के सबसे गहरे भूमिगत हिस्से पर सुरंग बनाने का काम पूरा कर लिया। इस मौके पर निरीक्षण करने के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा पहुंचे। नई टनल औसतन 27.0 मीटर (न्यूनतम गहराई 18.0 मीटर और अधिकतम 39 मीटर) की गहराई पर बनाई गई है, जो दिल्ली मेट्रो की सबसे गहरी सुरंगों में से एक है।
अप और डाउन लाइन का काम पूरा
उल्लेखनीय है कि छतरपुर मंदिर और इग्नू के बीच एक और पैरलल टनल का काम 25 फरवरी को पूरा हो गया था। अब इस चुनौतीपूर्ण सेक्शन पर अप और डाउन दोनों लाइनों पर सुरंग बनाने का काम पूरा हो गया है। मैजेंटा लाइन पर फेज-2 में हौज खास में लगभग 30 मीटर की गहराई पर सुरंग बनाई गई थी, जबकि एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के लिए एक और सुरंग राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के नीचे लगभग 45 मीटर की गहराई पर गुजरती है।
चैलेंजिंग वर्क
इस सुरंग में लगभग 1048 रिंग लगाए गए हैं, जिनका इंटरनल व्यास 5.8 मीटर है। सुरंग का निर्माण ईपीबीएम (अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड) तकनीक से किया गया है, जिसमें प्रीकास्ट टनल रिंग से बनी कंक्रीट लाइनिंग है। इन टनल रिंग को मुंडका में स्थापित पूरी तरह से मशीनीकृत कास्टिंग यार्ड में कास्ट किया गया था। कंक्रीट सेगमेंट की मजबूती के लिए स्टीम क्योरिंग सिस्टम से इनकी क्योरिंग की गई। टनल निर्माण में खड़ी ढलान के साथ-साथ अभ्रक और कठोर चट्टानों सहित विभिन्न तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण स्कू ऑगर भी क्षतिग्रस्त हो गया था।
इंजीनियरिंग की बड़ी सफलता
आस-पास की इमारतों पर लगे अत्यधिक संवेदनशील उपकरणों से जमीनी गतिविधियों पर नजर रखी गई, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं कोई धंसाव न हो। मंगलवार सुबह इग्नू स्टेशन पर 1460 मीटर लंबी सुरंग खोदने के बाद टीबीएम बाहर निकली। 97 मीटर लंबी एक विशाल टीबीएम का उपयोग करके यह सफलता हासिल हुई। बता दें कि डीएमआरसी ने पिछले चार हफ्तों में तीन टीबीएम ब्रेकथ्रू सफलताएं हासिल की हैं।