ब्लिट्ज ब्यूरो
न्यूयॉर्क। आतंकवाद के खिलाफ भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की गूंज पूरी दुनिया में गूंज रही है। भारत से मुंह की खाने के बार पाकिस्तान की पोल परत दर परत खुलने लगी है। करारी हार के बाद भी पाकिस्तान ने दुनिया में झूठा प्रोपेगैंडा फैलाया था कि उसे रत्ती भर भी नुकसान नहीं पहुंचा। हालांकि, भारत ने सबूतों के साथ उसे बेनकाब किया था। ऐसे में पहले न्यूयॉर्क टाइम्स और अब वॉशिंगटन पोस्ट ने भी पाकिस्तान के नापाक चेहरे को बेनकाब कर दिया है।
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक पाकिस्तान पर भारतीय हमलों में कम से कम छह एयरबेसों पर रनवे और संरचनाओं को नुकसान पहुंचा। विशेषज्ञों ने बताया कि प्रतिद्वंद्वियों के बीच दशकों से चल रहे संघर्ष में यह अपनी तरह का सबसे महत्वपूर्ण और निर्णायक हमला था। दो दर्जन से अधिक सैटेलाइट इमेजों और उसके बाद के वीडियो की समीक्षा में पाया गया कि हमलों में वायुसेना की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले तीन हैंगर, दो रनवे और दो मोबाइल इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा। भारत की ओर से किए प्रहार देश के 100 मील अंदर तक थे।
ऐसे हुआ पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश
किग्स कॉलेज लंदन में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के वरिष्ठ व्याख्याता और दक्षिण एशियाई सुरक्षा मुद्दों के विशेषज्ञ वाल्टर लैडविग के मुताबिक, हमले 1971 की जंग के बाद से पाकिस्तानी सैन्य ढांचे पर सबसे बड़े पैमाने पर भारतीय हवाई हमले थे।
:कॉन्टेस्टेड ग्राउंड’ के भू-स्थानिक विश्लेषक विलियम गुडहिंड ने कहा कि सटीक हमलों में हाईप्रोफाइल लक्ष्यों को निशाना बनाया गया, जिसका मकसद पाकिस्तान की आक्रामक और रक्षात्मक हवाई क्षमताओं को गंभीर रूप से चोट पहुंचाना और उसे कम करना था। ‘कॉन्टेस्टेड ग्राउंड’ एक शोध परियोजना है, जो सशस्त्र टकराव को ट्रैक करने के लिए उपग्रह इमेजरी का इस्तेमाल करती है।
मिडिलबरी कॉलेज में पूर्वी एशिया अप्रसार कार्यक्रम के निदेशक जेफरी लुईस ने आकलन किया कि हवाई ठिकानों को कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन इतना नहीं कि वे काम करने की हालत में ही न बचे हों।
यूनिवर्सिटी एट अल्बानी में एसोसिएट प्रोफेसर और भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता पर एक किताब के लेखक क्रिस्टोफर क्लेरी ने कहा, ‘सैटेलाइट से मिले सबूतों से इस दावे की पुष्टि होती है कि भारतीय सेना ने पूर्वी पाकिस्तान में कई ठिकानों पर पाकिस्तानी वायु सेना को करारी चोट पहुंचाई है। हालांकि, मेरे विचार में यह विनाशकारी तो नहीं, लेकिन नुकसानदायक तो है।
भारत ने पाकिस्तान में 14 सैन्य
ठिकानों पर किया प्रहार
पाकिस्तान के हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान में 14 सैन्य ठिकानों पर हमला करने का दावा किया, जिसमें वे स्थान भी शामिल हैं, जहां वॉशिंगटन पोस्ट ने नुकसान की पुष्टि की है। भारत ने अपनी कार्रवाई को नापाजोखा और सुनियोजित बताया।
पाकिस्तान ने भी कबूला
पाकिस्तान के मुख्य सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने शुरू में संवाददाताओं से कहा था कि सैन्य ठिकानों के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है, हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने लोग मारे गए। सेना ने बताया कि पाकिस्तान की वायु सेना के छह सदस्य मारे गए। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ मिसाइलों ने लक्ष्य को भेदने में कामयाबी हासिल की। सेना ने पांच ठिकानों और एक नागरिक हवाई अड्डे पर हमलों की पुष्टि की।
कहां-कहां हुआ नुकसान?
इस्लामाबाद के ठीक बाहर रावलपिंडी में नूर खान एयर बेस पर दो मोबाइल कंट्रोल सेंटर बर्बाद हो गए। गुडहिंद ने सैटेलाइट इमेजरी की समीक्षा करने के बाद कहा पाया कि क्षतिग्रस्त क्षेत्र से धुआं निकलता हुआ दिखाई दिया। एक अन्य सैन्य शोधकर्ता ने कहा कि नूर खान एयर बेस पाकिस्तान के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सेना का केंद्रीय परिवहन केंद्र है। यह बेस स्ट्रैटेजिक प्लान्स डिवीजन के भी करीब है, जो देश के 170 परमाणु हथियारों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार इकाई है। सेना का जनरल हेडक्वार्टर और ज्वाइंट स्टाफ हेडक्वार्टर भी नूर खान के पास रावलपिंडी में स्थित है।
पाकिस्तानी वायु सेना के भोलारी और शाहबाज एयर बेस पर सैटेलाइट इमेजरी ने विमान हैंगर के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली इमारतों को गंभीर नुकसान दिखाया।
भोलारी में एक हैंगर की छत में लगभग 60 फीट चौड़ा एक बड़ा छेद दिखाई दिया। इस बारे में विशेषज्ञों ने कहा कि यह मिसाइल की वजह से हुआ होगा। बाहर फुटपाथ पर भी मलबा बिखरा हुआ था और एक दीवार बगल की इमारत पर गिर गई थी। ऐसे ही शाहबाज एयर बेस पर उपग्रह इमेजरी ने एक हैंगर में एक और बड़ा छेद दिखाया, जो 100 फीट से अधिक चौड़ा था। यहां एक नियंत्रण टावर को भी नुकसान पहुंचा था।