ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली।रक्त कैंसर के उपचार में कारगर मिली चिमेरिक एंटीजन रिसेप्टर (कार) टी सेल थेरेपी को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए एम्स इसे 10 गुना तक सस्ता बनाएगा। यह कैंसर उपचार की नई तकनीक है। इसमें मरीज के टी सेल को संशोधित करके कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और मारने की क्षमता प्रदान की जाती है। हाल ही में भारत में भी इस तकनीक को स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। इसकी लागत करीब 40 लाख रुपये है। इसे एम्स चार लाख में उपलब्ध करवाने का प्रयास कर रहा है।
विशेषज्ञाें का कहना है कि जीन एडिटिंग इलाज का भविष्य है। उम्मीद कर रहे हैं कि इसकी मदद से कैंसर सहित दूसरे रोगों का इलाज कर पाना भी संभव हो पाएगा। मौजूदा समय में इस तकनीक का इस्तेमाल ब्लड कैंसर में हो रहा है। इसके मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे मरीजों के लिए यह सुविधा उपलब्ध होने से इलाज आसान हो सकेगा।
एम्स की प्रयोगशाला ऑन्कोलॉजी इकाई की प्रोफेसर और प्रभारी अधिकारी डॉ. रितु गुप्ता ने बताया कि मौजूदा समय में कार-टी सेल थेरेपी काफी महंगी है। इसे आम जन तक पहुंचाने के लिए एम्स में काम चल रहा है। हमारा प्रयास है कि इसे 10 गुना तक सस्ता किया जा सके। यह भविष्य का उपचार हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, भारत में साल 2019 में लगभग 12 लाख नए कैंसर के मामले और 9.3 लाख मौतें दर्ज की गई थीं।