ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत की पहली एआई फिल्म ‘लव यू’ बहुत जल्द थियेटर में रिलीज होगी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने इसे थियेटर में रिलीज के लिए प्रमाणपत्र दे दिया। इस प्रमाणपत्र का मतलब है कि यह फिल्म सभी आयुवर्ग के लिए उपयुक्त है। यह पहली बार है जब किसी पूरी तरह एआई-निर्मित फिल्म को भारत में थिएटर में रिलीज की मंजूरी मिली है। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए यह फिल्म एक उपलब्धि है।
तालमेल में परेशानी आई
बेंगलुरु के सिद्धेहल्ली गांव के पुजारी नरसिम्हा मूर्ति ने इस फिल्म को ग्राफिक डिजाइनर नूतन के साथ मिलकर मात्र छह महीने में 10 लाख रुपये के खर्च से बनाया है। मूर्ति ने कहा कि किरदारों के चेहरे पर इमोशनल एक्सप्रेशन बनाना मुश्किल रहा और होंठ का तालमेल बनाने में दिक्क त आई। वहीं, नूतन का कहना है कि अगर यही फिल्म आज बनाते, तो हजार गुना बेहतर होती। हमने जो टूल्स इस्तेमाल किए, वो छह महीने पुराने हैं।
तकनीक का मेल
कन्नड़ भाषा में बनी इस फिल्म की लागत कम आने के पीछे एआई की अहम भूमिका है। दरअसल एआई ने ही फिल्म की स्कि्रप्ट से लेकर गाने तक लिखे हैं। यहां तक कि कुछ विजुअल्स में भी एआई तकनीक का सहारा लिया गया। यहां तकनीक और रचनात्मकता का मेल नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।
फिल्म की खास बातें
फिल्म में दिखाए गए सभी पात्र एआई द्वारा बनाए गए हैं, इंसानी कलाकारों का बिल्कुल भी उपयोग नहीं किया गया। फिल्म की कहानी और 12 गाने पूरी तरह एआई द्वारा तैयार किए गए हैं। गानों की धुनें और बोल भी एआई ने तैयार किए हैं, जिन्हें इंसानी संगीतकारों ने अंतिम रूप दिया।
बेंगलुरु के सिद्धेहल्ली गांव के पुजारी नरसिम्हा मूर्ति ने इस फिल्म को ग्राफिक डिजाइनर नूतन के साथ मिलकर छह महीने में तैयार किया। इस फिल्म में संगीतकार और कलाकार भी एआई हैं। 30 एआई टूल का इस्तेमाल कर बनाई गई फिल्म 95 मिनट की है।