नई दिल्ली। सेबी ने अनरजिस्टर्ड ‘फिनफ्लुएंसर’ को रेगुलेट करने के लिए नियमों में संशोधन किया है। ऐसे व्यक्तियों से जुड़े संभावित जोखिम के बारे में बढ़ती चिंताओं के देखते हुए ऐसा किया गया है।
सोशल मीडिया पर फाइनेंस की जानकारी देने वालों को ‘फिनफ्लुएंसर’ कहा जाता है। रेगुलेटर ने तीन अलग-अलग अधिसूचनाओं में अपनी रेगुलेटेड इकाइयों और अनरजिस्टर्ड लोगों के बीच संबंधों पर ‘अंकुश’ लगाया है। सेबी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने पिछले दिनों इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
नए नियमों में हिदायत
नए नियमों के अनुसार सेबी द्वारा रेगुलेटेड व्यक्ति और ऐसे व्यक्तियों के एजेंट का ऐसे किसी अन्य व्यक्ति के साथ संपर्क नहीं होगा, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सलाह देता है या रिटर्न का स्पष्ट दावा करता है। सेबी के मुताबिक ऐसा व्यक्ति वह है जो बोर्ड के साथ रजिस्टर्ड न हो या उसे बोर्ड ने ऐसी सलाह या सिफारिश देने की अनुमति न दी हो। इस बारे में बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि ‘फिनफ्लुएंसर’ को सेबी के साथ रजिस्टर्ड करने और गाइडलाइंस का पालन करने की आवश्यकता के चलते रेगुलेटर इस क्षेत्र में जवाबदेही और विशेषज्ञता के लिए एक मानक स्थापित कर रहा है।
ऐसे ‘फिनफ्लुएंसर’ दे सकते हैं भ्रामक सलाह
इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि म्यूचुअल फंड कंपनियां, रिसर्च एनालिस्ट, रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार और स्टॉक ब्रोकर ‘फिनफ्लुएंसर’ के साथ साझेदारी न करें। यह दिशानिर्देश अनरजिस्टर्ड ‘फिनफ्लुएंसर’ से जुड़े संभावित जोखिमों पर बढ़ती चिंता के बीच आया है, जो पक्षपातपूर्ण या भ्रामक सलाह दे सकते हैं। वे कमीशन आधारित मॉडल पर काम करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में ‘फिनफ्लुएंसर’ ने अपने ‘फॉलोअर्स’ के वित्तीय निर्णयों को प्रभावित किया है। सेबी ने 46 ब्रोकरों के रजिस्ट्रेशन रद किए हैं। इनमें 39 शेयर ब्रोकर और 7 जिंस (कमोडिटी) ब्रोकर शामिल हैं।
सेबी ने बताया कि ये सभी रजिस्ट्रेशन की जरूरतों को पूरा करने में विफल रहे हैं। प्रमुख शेयर ब्रोकरों में रिफ्लेक्शन इन्वेस्टमेंट, विनीत सिक्योरिटीज, क्वांटम ग्लोबल सिक्योरिटीज, वेलइंडिया सिक्योरिटीज, अंबर सोल्यूशंस, आर्केडिया शेयर सहित अन्य ब्रोकर हैं। इसके अलावा 22 ‘डिपॉजिटरी’ प्रतिभागियों का रजिस्ट्रेशन भी रद कर दिया गया है।