ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदल दिया है। अंडमान-निकोबार द्वीप की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नया नाम ‘श्री विजयपुरम’ होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके ये जानकारी दी। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में बताया कि पोर्ट ब्लेयर का नाम क्यों बदला गया। अमित शाह ने कहा कि देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प से प्रेरित होकर गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम ‘श्री विजयपुरम’ करने का निर्णय लिया है।
अमित शाह ने ट्वीट कर दी जानकारी
गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पोस्ट में लिखा कि ‘श्री विजयपुरम’ नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को दर्शाता है। इस द्वीप का हमारे देश की स्वाधीनता और इतिहास में अद्वितीय स्थान रहा है। चोल साम्राज्य में नौसेना अड्डे की भूमिका निभाने वाला यह द्वीप आज देश की सुरक्षा और विकास को गति देने के लिए तैयार है। यह द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा सबसे पहले तिरंगा फहराने से लेकर सेलुलर जेल में वीर सावरकर और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा मां भारती की स्वाधीनता के लिए संघर्ष का स्थान भी है।
पोर्ट ब्लेयर का इतिहास
पोर्ट ब्लेयर की कहानी ब्रिटिश औपनिवेशिक काल से शुरू होती है। ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1789 में बंगाल की खाड़ी में रणनीतिक उपस्थिति के लिए यहां बस्ती बसाई थी। शुरुआत में अंग्रेजों ने यहां अपराधियों और कैदियों को रखा।
– देश की स्वाधीनता व इतिहास में अद्वितीय स्थान रहा इस द्वीप का
पोर्ट ब्लेयर में सेलुलर जेल थी जिसे काला पानी के नाम से भी जाना जाता है। इसे 1896 से 1906 के बीच बनाया गया था। इस जेल में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों को रखा गया था।
जब जापान ने किया था पोर्ट ब्लेयर पर कब्जा
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानियों ने पोर्ट ब्लेयर पर कब्जा कर लिया था। पोर्ट ब्लेयर में नेताजी स्टेडियम है, जिसे नेताजी क्लब के नाम से भी जाना जाता है। इस क्लब का दौरा नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 1943 में किया था, जहां उन्होंने पहली बार तिरंगा फहराया था।