नई दिल्ली। जिंदगी में किसी भी मोड़ पर पैसों को लेकर कोई दिक्क त न हो, इसलिए हम लोग बचत के साथ-साथ निवेश भी करना चाहते हैं। चूंकि निवेश का पहला कदम जोखिम उठाना होता है इसलिए वे घबराते भी हैं कि कहीं उन्हें रुपये-पैसों का भारी नुकसान न उठाना पड़े। इसी तरह के कुछ अनुभवों को हमने इंडस्ट्री के एक्सपर्ट और फाइनेंशियल एडवाइजर आदि से जाना। इनके निजी अनुभवों से हम भी काफी कुछ सीख सकते हैं।
ट्रेडिंग में अनुशासन और अनुभव की जरूरत
केडिया सिक्योरिटीज के फाउंडर और एमडी विजय केडिया बताते हैं कि जब मैंने शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू की तो मुझे कोई जानकारी नहीं थी और कोई गुरु भी नहीं था। कम पैसे लगाकर ज्यादा रिटर्न पाने के लालच में मैंने एफएंडओ को चुना। शुरुआत में मुझे सफलता मिली। शायद वह शुरुआती किस्मत थी। लेकिन जल्दी ही चमक फीकी पड़ गई। मैं सिर्फ 1 साल के अंदर नुकसान में आ गया। ट्रेडिंग में निवेश से ज्यादा अनुशासन और अनुभव की जरूरत होती है। मेरे नुकसान की भरपाई के लिए मां को गहने तक बेचने पड़े। उन्होंने कहा कि मैं निवेशकों को सलाह देता हूं कि वे फ्यूचर्स और ऑप्शंस की तरफ आकर्षित न हों। यहां सफलता की दर केवल 1 प्रतिशत है। ट्रेडिंग में हमेशा स्टॉप लॉस रखें।
इमरजेंसी फंड जरूर बनाएं
बजाज अलायंस लाइफ इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ तरुण चुघ बताते हैं कि साल 2001 में मैं जिस बैंक में काम करता था, वह अचानक बंद हो गया। मैं रातों-रात बेरोजगार हो गया, मेरी इनकम बंद हो गई। मैं नए मौकों के लिए इंग्लैंड चला गया। वहां भी कई तरह की चुनौतियां थीं और इसने फाइनेंशियल सिक्योरिटी के प्रति मेरी सोच को बदला। धीरे-धीरे मैंने शेयर, बाँड्स और रियल एस्टेट में निवेश करना शुरू किया। इससे मेरे पोर्टफोलियो में डाइवर्सिफिकेशन आया। साथ ही लाइफ इंश्योरेंस भी लिया। सबसे अहम सबक है फाइनेंशियल प्लानिंग और किसी एक जगह निवेश न करके अलग-अलग जगह निवेश करना। इमरजेंसी फंड जरूर बनाएं।
सेक्टर साइकल को समझना बेहद जरूरी
प्राइम इन्वेस्टर डॉनइन की को-फाउंडर विद्या बाला बताती हैं कि शेयर बाजार में सेक्टर साइकल की समझ न होने के चलने मैंने खराब शेयरों में पैसा लगाया। मैंने 2006 में उस वक्त टॉप पर रहे एक स्टॉक में निवेश किया, यह मानते हुए कि यह ऊपर की ओर बढ़ रहा है। 2005 से इसने जो अच्छे रिटर्न दिए, उससे मैं ओवर कॉन्फिडेंट हो गई। बाद में इसमें गिरावट आई। स्टॉक की कीमत में हर गिरावट के साथ मैंने इसमें और निवेश किया। बाद में स्टॉक की कीमत 70-80 प्रतिशत तक गिर गई। 7 साल बाद मुझे इसे इसकी लागत के 5वें हिस्से से भी कम कीमत पर बेचना पड़ा। मैं अब उन चीजों में हाथ डालने से परहेज करना शुरू किया है जिन्हें मैं पूरी तरह से नहीं समझती।
यह सबक सीखा
– सेक्टर साइकल को समझना बेहद जरूरी है। पहले का प्रदर्शन भविष्य की गारंटी नहीं है।
– किसी शेयर ने पहले अच्छा प्रदर्शन किया है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह हमेशा अच्छा प्रदर्शन करेगा।
– कभी-कभी नुकसान झेलकर आगे बढ़ना बेहद जरूरी है।
बुरे वक्त के लिए रखें तैयारी
वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार बताते हैं कि जब आसानी से पैसा मिल रहा हो तो हम अक्सर समझदारी से खर्च नहीं करते। 2008 में मुझे एक झटका लगा। मैंने शेयर में कुछ करोड़ रुपये निवेश किए थे लेकिन बाजार में गिरावट आई और मुझे सबसे कम कीमत पर इसे बेचना पड़ा, जिससे मेरा नुकसान हुआ। मेरी स्थिति ऐसी थी कि मुझे पैसे की जरूरत थी, पर मेरे पास ज्यादा ऑप्शन नहीं थे। इसने मुझे एक अहम सबक भी सिखाया कि हमेशा अचानक होने वाली चीजों के लिए तैयार रहें। अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को आसान रखें। पूरी समझ के बिना नए निवेश में उतरने से बचें।
यह याद रखें
– फाइनेंशियल प्लानिंग को आसान रखें। इससे आप बेहतर तरीके से अपनी आर्थिक स्थिति को कंट्रोल कर सकते हैं और बड़े जोखिम से बच सकते हैं।
– शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त पूरी तरह से समझें कि जिस कंपनी में पैसा लगा रहे हैं, वह कैसे काम करती है और कैसे कमाती है।
– जीवन में अचानक आने वाली परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
रहने के लिए ही खरीदें प्रॉपर्टी
ग्रो म्यूचुअल फंड के सीईओ वरुण गुप्ता बताते हैं कि मैं 2013 में अपने करियर के सिर्फ 3 साल बाद रियल एस्टेट की लहर में बह गया। गुरुग्राम में 60 लाख रुपये के लोन पर 1 करोड़ रुपये का घर खरीदा। यह एक गलत निवेश साबित हुआ। 60 हजार रुपये की ईएमआई का भारी बोझ भी था। इसने मेरे करियर की शुरुआत में जोखिम लेने और अलग-अलग विकल्पों को आजमाने की मेरी क्षमता को सीमित कर दिया। मैं खुशकिस्मत था कि मुझे अपने पहले स्टार्टअप से अच्छा मुनाफा मिला जिसने मुझे अपने दूसरे स्टार्टअप के लिए अच्छी पूंजी दी। इसके बाद 2019 में मैं लोन वापस चुकाने में सक्षम हुआ। लेकिन लोन चुकाने की इस प्रक्रिया में मुझे 6 साल लग गए। इसने मुझे काफी ज्यादा फाइनेंशियल तनाव दिया।
ये सबक सीखे
– कर्ज लेकर निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है।
– लॉन्ग टर्म निवेश जैसे म्यूचुअल फंड, एस आईपी में निवेश करना बेहतर होता है। यह न सिर्फ फाइनेंशियल स्थिरता देता है बल्कि रिस्क भी कम करता है।
– रियल एस्टेट को सिर्फ पर्सनल यूज के लिए ही खरीदना चाहिए न कि निवेश के मकसद से।
हमेशा अपने पैसे से ही निवेश करें
पैसा बाजार के को-फाउंडर और सीईओ नवीन कुकरेजा बताते हैं कि मेरी सबसे बड़ी गलतियों में से एक मेरे करियर की शुरुआत में हुई जब मैं इंग्लैंड में था। मैंने ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस में ग्लोबल शेयरों में निवेश करना शुरू किया था। शुरुआती फायदा देखने के बाद मैंने मार्जिन लागत से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद में ब्लू-चिप शेयरों में निवेश करने के लिए मार्जिन मनी का इस्तेमाल किया लेकिन 2008 के ग्लोबल बैंकिंग क्राइसिस ने बाजार में भारी गिरावट ला दी। जैसे ही शेयरों में गिरावट आई, सबसे खराब वक्त पर मार्जिन कॉल ट्रिगर हो गए, जिससे मुझे काफी नुकसान उठाना पड़ा।
ये सबक सीखे
– हमेशा अपने पैसे से ही निवेश करें, जिसे आप लंबे वक्त तक निवेशित रख सकते हैं। हमें हमेशा शॉर्ट टर्म के लिए नहीं बल्कि लंबे वक्त के लिए निवेश करना चाहिए।
– कभी भी सिर्फ बाजार के बढ़ते ट्रेंड के आधार पर निवेश न करें।
– हमें केवल उतनी ही मार्जिन मनी का इस्तेमाल करना चाहिए जितना कि हम खोने के लिए तैयार हैं।