ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत सरकार ने डॉ. पूनम गुप्ता को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई ) का नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है। वे प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल की सदस्य हैं। डॉ. पूनम का कार्यकाल 3 साल का होगा।
डॉ. पूनम जनवरी में इस्तीफा दे चुके डिप्टी गवर्नर माइकल पात्र की जगह लेंगी। कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी ने पूनम के अपॉइंटमेंट को अप्रूवल दिया है। आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक से पहले ये नियुक्ति की गई है।
पूनम अभी एनसीएईआर ( नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च) की डायरेक्टर जनरल और 16वें वित्त आयोग की सदस्य भी हैं। इससे पहले वे नीति आयोग की डेवलपमेंट एडवाइजरी कमेटी और फिक्क ी की एक्जीक्यूटिव कमेटी की सदस्य रह चुकी हैं। डॉ. पूनम ने साल 1998 में इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में पीएचडी के लिए एक्जिम बैंक पुरस्कार जीता।
करियर की शुरुआत
डॉ. पूनम ने साल 1998 में अपने करियर की शुरुआत इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड यानी से की। उन्होंने आईएमएफ में लगभग 8 साल (1998 से 2006 तक) काम किया। इस दौरान वे यूरोपियन डिपार्टमेंट, रिजर्व डिपार्टमेंट और अफ्रीकन डिपार्टमेंट में शामिल रहीं। इन डिपार्टमेंट्स में उन्होंने इकोनॉमिस्ट और पॉलिसी एनालिस्ट के रूप में काम किया।
इसके बाद वे दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (दिल्ली यूनिवर्सिटी में) एसोसिएट प्रोफेसर रहीं। उन्होंने डीएसई के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक्स में 2 साल (2006 से 2008) तक पढ़ाया।
मैक्रोइकोनॉमिक्स पढ़ाया
डॉ. पूनम ने 2 साल (2009 से 2011) तक इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशन में मैक्रोइकोनॉमिक्स (आईसीआरआईईआर) की प्रोफेसर के रूप में काम किया है। आईसीआरआईईआर भारत का एक प्रमुख इकोनॉमिक पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट है, जिसकी स्थापना 1981 में एक नॉन-प्रॉफिट, इंडिपेंडेंट थिंक टैंक के रूप में की गई थी। पूनम ने अमेरिका में ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन और सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट जैसे थिंक टैंक्स में विजिटिंग फैकल्टी और सलाहकार के रूप में काम किया। यहां उन्होंने रिसर्च पेपर्स पब्लिश किए और नीति चर्चाओं में भाग लिया।
चेयर प्रोफेसर भी रही हैं
डॉ. गुप्ता नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी) में आरबीआई चेयर प्रोफेसर भी रह चुकी हैं।